मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश सरकार हालांकी नर्मदा सेवा यात्रा निकालकर अवैध रेत खनन को रोकने का दावा कर रही है। लेकिन नर्मदा तटीय इलाकों में शायद इसका असर हो नहीं रहा है। यही कारण है कि आज भोपाल में नरसिंहपुर जिले के छात्रों ने रेत माफियाओं अफसरों और नेताओं के गठजोड़े पर केंद्रित नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। नर्मदा तटों पर जारी रेत के अवैध उत्खनन के तंत्र को उजागर करते इस नुक्कड़ नाटक क्षम्य शिशुपाल का मंचन नरसिंहपुर जिले के छात्रों के समूह परिश्रम ग्रुप द्वारा भोपाल के एमपी नगर इलाके में किया गया। नाटक के माध्यम से छात्रों ने बेबाकी के साथ रेत माफियाओं के काले कारोबार को किस तरह की राजनेतिक शह मिलती है इसे मंचित कर बताने का प्रयास किया।
एकांकी में एक युवक महेंद्र जो रेत उत्खनन रोकने का प्रयास करता है। उसे पुलिस से कोई सहायता नहीं मिलती, एक एसडीएम जो उस युवक से प्रभावित होता है। संयोग से एनजीटी के निर्देश से एसआईटी का गठन होता है और एसडीएम उसे लीड करते हुए माफियाओं पर कार्यवाही करते हैं और इसी कारण
माफिया उनकी हत्या करवा देता है।आखिर माफिया नायक महेंद्र को भी मरवा देता है।
छात्रों का कहना था कि रेत के अवैध उत्खनन के विरोध में यह मंचन सरकार को जगाने के लिए किया। छात्रों ने जागरूकता लाने के लिए प्रयास तो अच्छा किया लेकिन माफियाओं के साथ अन्य वर्गों के गठजोड़ पर इससे कोई फर्क पड़ेगा या सरकार इसे रोकेगी यह कहना मुश्किल है। कान में ठेंठा लगाकर बैठी सरकार तक यह आवाज पहुंचना भी मुश्किल है।
इस नुक्कड़ नाटक का निर्देशन एवं पटकथा लेखन महेंद्र कौरव का था।
Comments