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जस्टिस गोगोई पर यौनशोषण के आरोप लगाने वाली महिला ने जांच समिति के सामने आने से किया इन्कार

वामा            Apr 30, 2019


मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौनशोषण के आरोप लगाने वाली पूर्व महिला कर्मचारी ने मंगलवार को कहा कि मैं आगे से इन-हाउस पैनल की जांच प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लूंगी। महिला कर्मचारी जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की समिति के सामने पेश हुई थी। महिला ने कहा कि कुछ गंभीर चिंताओं के चलते मैं आगे से इन-हाउस जांच प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनूंगी।

पहली सुनवाई जस्टिस बोबडे के चैंबर में हुई थी। इस दौरान आरोप लगाने वाली महिला के अलावा शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल भी मौजूद थे। इस दौरान दो महिला जज इंदू मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी भी मौजूद थीं। सुनवाई के दौरान चैंबर में केवल महिला मौजूद थी। सेक्रेटरी जनरल इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं थे। महिला के साथ एक वकील भी थे, मगर वो सुनवाई का हिस्सा नहीं थे। पहली सुनवाई करीब तीन घंटे चली थी।


वकील उत्सव बैंस ने दावा किया था कि सीजेआई के खिलाफ साजिश रची जा रही है। इसका पता करने के लिए भी एक जांच समिति बनाई गई है। इसका जिम्मा रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक को दिया गया है।

इससे पहले इस मामले की सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने हुई थी। इस दौरान उत्सव बैंस ने सील बंद लिफाफे में सबूत कोर्ट को सौंपे थे। इनमें कुछ सीसीटीवी फुटेज भी थे। वकील ने कहा था कि साजिश में एक बड़े कॉरपोरेट हाउस का हाथ है। वकील ने एक और सील बंद लिफाफा कोर्ट को देकर कहा था कि दो साजिशकर्ता मुझसे मिले थे।

तीन सदस्यीय बेंच ने सख्त लहजे में कहा था- हम हमेशा सुनते हैं कि कोर्ट में ‘बेंच फिक्सिंग’ हो रही है। यह हर हाल में बंद होनी चाहिए। पिछले 3-4 साल से जिस तरह से आरोप लगाए जा रहे हैं उससे तो यह संस्था खत्म हो जाएगी। अमीर और शक्तिशाली लोग सोचते हैं कि वे रिमोट कंट्रोल से कोर्ट चलाएंगे। वे आग से खेल रहे हैं। हम फिक्सिंग की साजिश रचने वालों को जेल भेजेंगे। सुप्रीम कोर्ट के 4-5% वकील महान संस्था का नाम खराब कर रहे हैं। ‘बेंच फिक्सिंग’ का मामला गंभीर है और इसकी जांच होगी।

 

सीजेआई गोगोई पर 35 साल की महिला ने यौनशोषण के आरोप लगाए हैं। उसने एफिडेविट की कॉपी 22 जजों को भेजी थी। यह महिला 2018 में सीजेआई के आवास पर बतौर जूनियर कोर्ट असिस्टेंट पदस्थ थी। बाद में उसे नौकरी से हटा दिया गया।

 



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