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17 साल की लड़की पर एसिड अटैक, 8 फीसदी जली

वामा            Dec 15, 2022


 मल्हार मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली।

दिल्ली के द्वारका इलाके में 17 साल की नाबालिग स्कूली छात्रा पर तेजाब फेंकने का मामला सामने आया है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक एसिड हमले में छात्रा लगभग 8 फीसदी जल गई है, जिसका फिलहाल इलाज चल रहा है।

एसिड अटैक का नाम सुनते ही रोंगटे खड़े होने लगते हैं और पीड़ित को देखकर रूह कांपने लगती है।

ऐसे में दिमाग में एक ही सवाल उठता है कि पीड़ित को अस्पताल ले जाने से पहले उसका प्राथमिक उपचार क्या करें कि उसको ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचे।

एसिड बर्न का शिकार कई बार घर के बुजुर्ग और बच्चे भी हो सकते हैं।

घर में खास तरह के कैमिल और एसिड रखने से कई बार बच्चे और बुजुर्ग जाने-अनजाने में उसके शिकार हो जाते हैं।

एसिड से जलना बेहद पीड़ादायक होता है इसलिए उससे बचाव करना करना जरूरी है।

इंद्रिरापुरम में कंसल्टेंट फीजिशियन एंड कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर परमजीत के मुताबिक चंद मिनट का गुस्सा या थोड़ी सी लापरवाही किसी की भी जान ले सकती है।

स्किन पर तेजाब गिरने से स्किन के अंदर तक के टिश्यू डैमेज होने लगते हैं जिससे स्किन के वापस अपनी रंगत में आने के आसार बेहद कम होते हैं।

अगर पीड़ित का साथ समय रहते कुछ प्राथमिक उपचार कर लिया जाए तो स्किन को अंदरूनी नुकसान से बचाया जा सकता है।

आइए जानते हैं कि एसिड अटैक होने पर कौन-कौन से प्राथमिक उपचार कर सकते हैं।

स्किन पर गिरने वाला ये एसिड ऑर्गन को डैमेज कर सकता है। एसिड अटैक से स्किन कट सकती है, स्किन बर्न हो जाएगी, स्किन में सूजन आ सकती है।

शरीर के जिस हिस्से पर भी एसिड अटैक होता है वो पूरी तरह बेकाम भी हो सकता है। जिस शख्स के साथ भी इस तरह का अटैक हुआ है उसकी स्किन को रनिंग वॉटर के नीचे 10-15 मिनट तक रखें।

याद रखें कि स्किन को बाल्टी में पानी डालकर नहीं रखना है बल्कि रनिंग वॉटर के नीचे रखना है। नल को चला दें और उसका पानी लगतार जली हुई जगह पर जाने दें।

आप ठंडा पानी भी स्किन पर रनिंग वाटर की तरह डाल सकते हैं। हॉस्पिटल में भागने से पहले सबसे पहले आप स्किन को पानी के नीचे रखें।

अगर बर्न 3 इंच से ज्यादा है तो तुरंत प्राथमिक उपचार करने के बाद हॉस्पिटल जाए वरना बॉडी के उस अंग को नुकसान ज्यादा पहुंच सकता है।

जिस एरिया पर ये बर्न हुआ है उस एरिया को साफ और सूखे कपड़े से कवर करें फिर हॉस्पिटल जाएं वरना स्किन पर धूल मिट्टी और बैक्टीरियां लगने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।

 



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