पुस्तक समीक्षा:अंग्रेजी में हिन्दी सिखाने वाली किताब

वीथिका            Jul 23, 2015


[caption id="attachment_2904" align="alignnone" width="203"]प्रकाश हिन्दुस्तानी प्रकाश हिन्दुस्तानी [/caption] डॉ.प्रकाश हिन्दुस्तानी जयपुर की श्रीमति सुभद्रा कोठारी ने उन लोगों के लिए किताब लिखी है, जो अंग्रेजी तो जानते हैं, लेकिन हिन्दी नहीं। ‘हिन्दी मेड ईजी’ शीर्षक से प्रकाशित उनकी किताब उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी है, जो हिन्दी सीखना चाहते हैं और जिनकी मातृभाषा अंग्रेजी है या वे अंग्रेजी में निपुण हैं। इस किताब का उद्देश्य बोली जाने वाली और लिखी जाने वाली साधारण हिन्दी से परिचय कराना है। यह किताब निश्चित ही विदेश में रहने वाले अंग्रेजी भाषियों और भारत की यात्रा पर आए अंग्रेजी बोलने वाले लोगों के लिए उपयोगी होगी। हर साल लाखों विदेशी भारत की यात्रा पर आते हैं, उनमें से अधिकांश अंग्रेजी ही जानते हैं, लेकिन ऐसे बहुत कम हैं, जो हिन्दी बोल और पढ़ सकते हैं। बॉलीवुड में ही ऐसे लोगों की भरमार है, जो सही हिन्दी नहीं जानते और हिन्दी सिखने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं। ऐसे में यह किताब कैटरीना कैफ, जेकलीन फर्नांडीस, नरगिस फाखरी, एली एवराम, एमी जैक्शन, याना गुप्ता जैसी कलाकारों और मॉडल्स के लिए तो उपयोगी है ही, उन लोगों के लिए भी उपयोगी है जो सही हिन्दी लिखना और बोलना चाहते हैं। निश्चित ही यह किताब पढ़कर कोई भी हिन्दी का विद्वान नहीं बनने वाला, लेकिन यह तय है कि यह किताब पढ़कर कोई भी व्यक्ति न केवल सही हिन्दी पढ़ और बोल सकेगा, बल्कि कामकाजी हिन्दी के कुछ वाक्य भी लिख सकेगा। यह ऐसी किताब है, जो अहिन्दी भाषियों को रोमन में हिन्दी लिखने से मुक्त करा सकती है। रोमन लिपि में हिन्दी लिखने में उच्चारण के बहुत सारे दोष आ जाते हैं। इस किताब में हिन्दी वर्णमाला का महत्व बताते हुए सचित्र व्याख्या भी की गई है। हिन्दी के कुछ शब्दों को रोमन में कैसे लिखा जाए और कैसे उच्चारित किया जाए इसका विवरण भी बारिकी से किया गया है। हिन्दी सिखाने वाली इस अनूठी किताब में पाठकों को समझाया गया है कि हिन्दी ऐसी भाषा है, जिसमें आप जो बोलते है, वहीं लिखते हैं। अगर आप इस किताब के अनुसार हिन्दी बोलेंगे, तो हर्ष को हार्ष, रवि को रावि, सोना को सना, हर्षित को हरशिट जैसा कहने की गलती कभी नहीं करेंगे। जिन नाम के अर्थ हिन्दी में कुछ विशेष है, वे ही नाम अंग्रेजी में कुछ और हो जाते हैं। subhadra-kothari सुभद्रा कोठारी कई वर्षों से विदेशी विद्यार्थियों को हिन्दी भाषा सिखा रही हैं। ये विद्यार्थी अलग-अलग देशों के नागरिक है। उन्होंने इस किताब में उर्दू के ऐसे शब्दों को भी शामिल किया है, जो बोलचाल की हिन्दी में घुल-मिल गए हैं और हिन्दी का ही हिस्सा है। देवनागरी लिपि की विशेषताएं इस किताब में लगाई गई है और देवनागरी की वर्णमाला कैसे लिखी जाती है यह भी इस किताब में सचित्र समझाया गया है। इस किताब को पढ़ने के बाद अगर कोई विदेशी देवनागरी नहीं लिख पाए, तब भी वह रोमन लिपि में तो सही-सही हिन्दी लिख ही सकेगा, क्योंकि इसमें हिन्दी के व्याकरण को भी सरल तरीके से समझाया गया है, साथ ही विद्यार्थियों को अभ्यास भी दिया गया है। इस किताब में सिखाई गई बारहखड़ी के अनुसार स्वरों और व्यंजनों के एकाधिक विकल्प सचित्र दिए गए है। इससे विद्यार्थियों को वर्णमाला में मात्रा लगाने और उसका उपयोग करने में मदद मिलती है। क कमल का होता है तो यह भी सिखाया गया है कि क से ही कबूतर और किताब जैसे शब्द लिखे जा सकते है। छ छत्रि का होता है, तो उसमें मात्रा लगाकर छात्र भी लिखा जा सकता है। ज जल का होता है तो उसमें मात्रा लगाकर जूता लिखा जा सकता है। थ थल का होता है तो थल से ही थाली व थैला जैसे शब्द लिखे जा सकते है। हिन्दी में अंकों को क्या कहते है यह भी समझाया गया है। इसके साथ ही विद्यार्थियों का शब्द सामर्थ बढ़ाने के लिए कुछ लोकप्रिय शब्द दिए गए है। हिन्दी के इन शब्दों से आसानी से किस तरह से पूरे के पूरे वाक्य बनाए जा सकते है, यह शिक्षा इस किताब से मिलती है। इस किताब में विद्यार्थियों को स्वाध्याय करने के लिए बहुत सी सामग्री इस पुस्तक के माध्यम से बिना किसी शिक्षक के ही काम चलाऊ हिन्दी सिखी जा सकती है। पंचतंत्र की कुछ कहानियों का वर्णन भी इस किताब में है। एक छोटा-मोटा शब्दकोष भी है और रटने लायक कुछ सवाल और जवाब भी। इस किताब की सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसे पढ़कर कोई भी अंग्रेजी भाषी, तो हिन्दी सिख ही सकता है, कोई ऐसा व्यक्ति जिसे अंग्रेजी बिल्कुल नहीं आती हो वह भी इसकी मदद से काम चलाऊ अंग्रेजी सिख सकता है। हालांकि यह इस किताब की लेखिका का उद्देश्य नहीं है पर यह सोने पर सुहागा वाली बात लगती है। दुनिया के कई देशों में हिन्दी सिखाने का काम चल रहा है। यह किताब उन देशों में विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों के लिए ही बेहद उपयोगी हो सकती है। किताब : हिन्दी मेड ईजी लेखिका : सुभद्रा कोठारी प्रकाशक: इंस्टीट्यूट ऑफ हिन्दी लर्निंग एंड इंडियन कुकिंग एन-6, ग्रेटर कैलाश, लाल कोठी, टोंक रोड, जयपुर (302015) US ISBN : 9781937192198 कीमत : 295 रुपए


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