मल्हार मीडिया ब्यूरो।
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत व्यापारियों द्वारा 65,000 करोड़ रुपये का परिवर्ती क्रेडिट दावा किया गया है, जिससे सरकार और कर अधिकारी भौचक हैं और 1 करोड़ रुपये से अधिक के दावों की सत्यता की जांच की तैयारी में जुट गए हैं।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने अपने अधिकारियों से कहा कि 1 करोड़ रुपये से ऊपर के सभी परिवर्ती क्रेडिट दावों की जांच करें, क्योंकि विभाग 'गलती या भ्रम' के कारण अपात्र दावा किए जाने की संभावना जता रहा है।
अगर 65,000 करोड़ रुपये के परिवर्ती क्रेडिट दावे सही पाए जाते हैं तो इससे जीएसटी के तहत राजस्व इकट्ठा होने का जो अनुमान लगाया गया था, उससे काफी कम राजस्व मिलेगा।
इसके अलावा सरकार को व्यापारियों से इनपुट टैक्स क्रेडिट का क्लेम भी मिला है, जिसके आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने जीएसटी के अंतर्गत जुलाई में 64 फीसदी अनुपालन के साथ 95,000 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया है।
सीबीईसी के विशेष सचिव और सदस्य महेंद्र सिंह ने देश भर के मुख्य आयुक्तों को लिखी चिट्ठी में कहा, "जीएसटी नेटवर्क से प्राप्त बयान में पता चला है कि अभी तक पंजीकृत लोगों ने 65,000 करोड़ रुपये से अधिक का सीजीएसटी परिवर्ती क्रेडिट के रूप में दावा किया है। ऐसी संभावना है कि कई सारे दावे गलती या भ्रम के कारण भी कर दिए गए होंगे। तदनुसार, यह वांछित है कि 1 करोड़ रुपये से अधिक के दावे की समयबद्ध तरीके से जांच की जाए।"
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