मल्हार मीडिया ब्यूरो।
सॉफ्टवेयर और सर्विस इंडस्ट्री बॉडी नैस्कॉम ने गुरुवार को इस वित्त वर्ष (2017-18) के लिए आईटी सेक्टर को लेकर कुछ गाइडलाइन और ट्रेंड जारी किए है। इसमें कहा गया है कि आईटी सेक्टर एक दिलचस्प मोड पर है। विशेष रूप से, नैस्कॉम ने कहा कि आईटी क्षेत्र इस साल 1.3 लाख से 1.5 लाख लोगों को रोजगार देगा, क्योंकि इंडस्ट्री का मुख्य फोकस कर्मचारियों की रि-स्किलिंग और नए टैलेंट को नौकरी देने पर है। नैस्कॉम ने यह भी कहा कि आईटी उद्योग चिंताओं को लेकर तेजी से प्रतिक्रिया दे रहा है। वहीं रेवेन्यू जनरेशन के मामले में बॉडी ने कहा कि वित्त वर्ष 2017 में इंडस्ट्री ने 11 बिलियन डॉलर का रेवेन्यु जोड़ा है, जो कि कांस्टेंट करेंसी टर्म में 8.6 फीसद की ग्रोथ है।
नैस्कॉम को यह उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2017-18 में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की सेवाओं का निर्यात सात से आठ फीसद तक बढ़ेगा। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आय के मोर्चे पर भी डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद है। आपको बता दें कि वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते फरवरी महीने में नैस्कॉम ने गाइडेंस नहीं दिया था।
नैस्कॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखरन ने गाइडेंस जारी करते हुए कहा कि चालू वर्ष में घरेलू आईटी सेवाओं का राजस्व 10 से 11 फीसद से बढ़ेगा। वहीं बीते वित्त वर्ष (2016-17) में आईटी उद्योग के राजस्व में 1100 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई है। इस ग्रोथ में डिजिटल बिजनेस का विशेष योगदान रहा है, जिसके चलते बीते सात वर्षों में राजस्व में चार गुना का इजाफा देखने को मिला है।
आर चंद्रशेखरन ने कहा कि “सवाल ये था कि डिजिटल के आने से भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में गिरावट दर्ज की जाएगी, लेकिन डेटा से पता चलता है कि डिजिटल एक नई ऊंचाई को छू रहा है।”
अनुसंधान और विकास (रिसर्च और डेवलपमेंट) के संदर्भ में, नैस्कॉम ने कहा आईटी उद्योग ने साल 2017 में डिजिटल के उत्पादों और प्लेटफार्मों में आरएंडडी निवेश की शुरुआत की। इसमें बताया गया कि आरएंडडी निवेश एक लंबे समय की निर्माण अवधि होती है और इसके नतीजे जल्द ही दिखाई नहीं देते। फिर भी यह कहा गया कि ईआरएंडडी में तेज वृद्धि हुई है।
अमेरिका में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहा है, यहां नियम बनाने वाले एच 1 बी वीजा प्रोग्राम में संशोधन कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन अमेरिका में नौकरियां सृजित करने पर फोकस कर रहा है जिस कारण कंपनियों को अपनी स्थानीय हायरिंग का विस्तार करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि मौजूदा समय आईटी नौकरियों के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण हैं। एक ओर ग्लोबल मार्केट में सरंक्षणवादी नीतियों को बढ़ावा दिए जाने की वजह से कंपनियां दिक्कत में हैं, वहीं दूसरी ओर ऑटोमेशन के कारण भी तमाम आईटी कंपनियों में छंटनी की जा रही है।
नैस्कॉम ने पहली बार फरवरी में 155 अरब डॉलर के उद्योग के लिए अपना आउटलुक जारी किया और इमीग्रेशन और एच-1बी वीजा संबंधी दिक्कतों के चलते अप्रैल-जून तिमाही के लिए इसे स्थगित कर दिया। नैस्कॉम ने कंफर्म किया है कि आईटी सेक्टर पर वर्ल्ड कांग्रेस का आयोजन अगले साल हैदराबाद में होगा।
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