मल्हार मीडिया ब्यूरो।
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद इस सप्ताह के अंत में होनेवाली अपनी अगली बैठक में दैनिक उपयोग के कई मदों सहित विभिन्न वस्तुओं पर दरें कम करने के संबंध में विचार करेगी। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को ध्यान दिलाया कि शुरुआत में वस्तु एवं सेवा कर के तहत करों की दरें तय करते समय परिषद ने तुल्यता और राजस्व निरपेक्ष के सिद्धातों के हिसाब से इसे तय किया था। लेकिन पिछली कुछ बैठकों में कई वस्तुओं पर दरों में कमी की गई है।
जेटली ने यहां इंडिया टुडे कान्क्लेव में कहा, "पुरानी व्यवस्था के तहत, केंद्रीय उत्पाद कर भी लागत में ही शामिल होती थी। इसलिए लोग यह महसूस नहीं करते थे और उत्पाद कर, वैट और अन्य करों को जोड़कर कुल 31 फीसदी तक कर चुकाते थे। इसी को ध्यान में रखते हुए 28 फीसदी का जीएसटी स्लैब बनाया गया है।"
उन्होंने कहा, "जीएसटी परिषद ने पिछली 3-4 बैठकों में करीब 100 सामानों पर कर की दरें घटाई हैं। इसके तहत कई वस्तुओं पर कर की दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी और 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया गया। हम धीरे-धीरे उन्हें कम कर रहे हैं। हमारा विचार राजस्व संग्रहण को तटस्थ रखना है।"
अधिकारियों ने यहां पिछले हफ्ते कहा था कि परिषद विभिन्न सामानों पर करों की दरें कम करने के बारे में विचार कर रही है, जिसमें हैंडमेड फर्नीचर, प्लास्टिक उत्पाद और रोजमर्रा के सामान जैसे शैंपू समेत अन्य चीजें शामिल हैं। परिषद की अगली बैठक गुवाहाटी में 10 नवंबर को होगी।
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