मल्हार मीडिया ब्यूरो।
आधार कार्ड अब जरूरी होता जा रहा है, हो सकता है कि बहुत जल्द दवा खरीदने के लिए भी आपको आधार दिखाना पड़े। सरकार ने नकली, बिना मानक वाली दवाओं और फर्जी तरीके से चल रही केमिस्ट की दुकानों पर लगाम लगाने के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया है।
सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय में ऑनलाइन मेडिसिन पॉलिसी को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में यह तय किया गया है कि सरकार नकली दवाओं, बिना फार्मासिस्ट के चल रही केमिस्ट दुकानों और दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए आधार को हथियार बनाएगी। मगर इस प्रस्ताव पर फार्मासिस्ट एसोसिएशन और केमिस्ट शॉप एसोसिएशन बंटा हुआ नजर आ रहा है।
दरअसल सरकार दवाओं के निर्माण या आयात से लेकर मरीज तक पहुंचने के दौरान हर चैनल मसलन कंपनी, सी एंड एफ एजेंट, डिस्ट्रिब्यूटर, रिटेलर से मरीज तक पहुंचने तक का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तैयार करना चाहती है। जिससे यह पता चल सकेगा कि किस बैच नंबर की दवा किस चैनल के जरिए किस व्यक्ति तक पहुंची।
इस तरह दवा बेचने वाली ई-कॉमर्स वेबसाइट कंपनियों से लेकर देशभर में मौजूद 8.5 लाख से ज्यादा दवा की दुकानें भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर होंगी। इसके अलावा हर केमिस्ट को मरीज को दवा देते वक्त उसका आधार नंबर और डॉक्टर का एमसीआई रजिस्ट्रेशन नंबर भी ऑनलाइन मेंटेन करना होगा। इसका एक फायदा यह भी होगा की झोलाछाप डॉक्टरों पर भी लगाम लगेगी।
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