मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भारतीय रिजर्व बैंक नागरिकों द्वारा एक जनवरी से डेबिट कार्ड के जरिए किए गए भुगतानों के लिए बैंकों को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्कों का भुगतान शुरू करेगा।
डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक अप्रैल से मर्जेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) में भारी कटौती का प्रस्ताव दिया है। 20 लाख रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले छोटे कारोबारियों और इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी अस्पतालों जैसे स्पेशल मर्जेंट्स के लिए यह कुल ट्रांजैक्शन वैल्यू के 0.40 पर्सेंट होगा। एमडीआर चार्ज डेबिट कार्ड से ट्रांजैक्शन पर वसूल किया जाता है। डिजिटल पीओएस (क्यूआर कोड) से ट्रांजैक्शन पर 0.3 पर्सेंट रखा जाएगा। पहले 2,000 रुपये तक के ट्रांजैक्शन पर 0.75 पर्सेंट और इससे अधिक के भुगतान पर एक पर्सेंट एमडीआर लिया जाता था।
सरकार ने दिसंबर 2016 में फैसला किया था कि विभिन्न तरह के भुगतान के लिए डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर एमटीआर शुल्क वह वहन करेगी। सरकार ने नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल लेनदेन को बढावा देने के लिए यह कदम उठाया था।
केंद्रीय बैंक ने अब एक अधिसूचना में कहा है, ‘सरकार के निर्देशों के पालन के लिए रिजर्व बैंक एक जनवरी 2017 के बाद से डेबिड कार्डों के जरिए भुगतान मद में एमडीआर शुल्कों का भुगतान बैंकों को करेगा।’ बैंकों से कहा गया है कि वे एमडीआर के भुगतान के दावों को आडिटर के प्रमाणन के साथ उसे भेजें।
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