मल्हार मीडिया ब्यूरो।
केंद्रीय सरकार ने नकदरहित लेन-देन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सभी राशन की दुकानों और उर्वरक डिपो में क्रैडिट-डैबिट कार्ड के जरिए भुगतान के लिए पीआेएस मशीनें के साथ-साथ आधार आधारित भुगतान की व्यवस्था की जाएगी।
वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा कि सार्वजनिक वितरण (पीडीएस) की दुकानों पर 1.7 लाख से अधिक पीआेएस मशीनें पहले ही लगाई जा चुकी हैं और अगले कुछ महीनों और लगाई जाएंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग तथा उर्वरक विभाग दोनों ने सभी पीडीएस दुकानों और उर्वरक डिपों पर पीआेएस मशीनें लगाने के लिए कार्यक्रम बनाए हैं। लवासा ने कहा, ‘‘साथ ही उन्हें आधार युक्त भी बनाया जाएगा।’’
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने हर गांव में 2 पीआेएस मशीनें लगाने के लिए वित्तीय समावेश कोष के जरिए बैंकों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके तहत टायर 5 और 6 क्षेत्रों के एक लाख गांवों को शामिल किया जाएगा। लागत बचत पर डिजिटल भुगतान के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार का आकलन लगाने के लिए समय काफी कम है और मुझे लगता है कि हमें लाभ का पता लगाने के लिए प्रणाली को एक साल या उसके आसपास समय देना चाहिए।’’
लवासा ने कहा कि डिजिटलीकरण की दिशा में कदम उठाया जा रहा है और इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है कि कितनी संख्या में लोगों ने भीम और यूपीआई तथा दूसरे सेवा प्रदाताआें के एप्प डाउनलोड किए हैं। वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा कि 1.70 लाख राशन की दुकानों पर पीआेएस मशीनें लगाए जाने के अलावा कई बैंक प्रतिनिधियों को पीआेएस मशीनें और ‘माइक्रो एटीएम’ उपलब्ध कराए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप पीआेएस मशीन विनिर्माताओं की बात करें, इसकी काफी मांग है। बैंकों ने ही करीब 10 लाख पीआेएस मशीनों के आर्डर दिए हैं। इसीलिए मुझे लगता है कि इन सभी से हम एेसी स्थिति में पहुंचेंगे जहां अर्थव्यवस्था का बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण होगा।’’ लवासा ने कहा कि अब रेलवे टिकट की 68 प्रतिशत बुकिंग डिजिटल तरीके से हो रही है। देश में 9 नवंबर 2016 के बाद पीआेएस मशीनों की मांग बढ़ी है। पिछले 2 महीने में ही 2.52 लाख पीआेएस मशीनें लगाई गई हैं।
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