मल्हार मीडिया डेस्क।
राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिए गए 9,000 करोड़ रुपये के ऋण चुकाए बिना देश छोड़कर चले जाने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या को मंगलवार को लंदन में स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उन्हें वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया, जहां गिरफ्तारी के तीन घंटे बाद ही उन्हें जमानत मिल गई। माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में उनके प्रत्यर्पण के भारत सरकार के आग्रह पर गिरफ्तार किया गया। शराब कारोबारी माल्या लोन डिफॉल्ट के मामले में भारत में वांछित हैं। उन्हें तब गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह सुबह मध्य लंदन पुलिस थाने में पेश हुए।
स्कॉटलैंड यार्ड ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन पुलिस की प्रत्यर्पण इकाई ने प्रत्यर्पण वारंट पर विजय माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में भारतीय अधिकारियों की ओर से गिरफ्तार किया। पिछले ही महीने ब्रिटिश सरकार ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भारत के आग्रह पर अपनी प्रक्रिया शुरू की। ब्रिटिश सरकार ने भारत के आग्रह को कार्रवाई के लिए डिस्ट्रिक्ट जज को भेजा।
ब्रिटेन से प्रत्यर्पण के मामले में जज को फ़ैसला लेना होता है कि अरेस्ट वारंट भेजा जाए या नहीं। वारंट जारी होने पर व्यक्ति को गिरफ़्तार कर कोर्ट के सामने प्राथमिक सुनवाई के लिए लाया जाता है। इसके बाद कोर्ट में प्रत्यर्पण पर सुनवाई होती है। कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद प्रत्यर्पण पर अंतिम फ़ैसला विदेश मंत्री को करना होता है। गिरफ़्तार किए गए आरोपी को सुप्रीम कोर्ट तक अपील करने की छूट होती है।
गौरतलब है कि मनी लॉन्डरिंग के आरोप झेल रहे विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने ब्रिटेन से गुज़ारिश की थी, लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्हें किस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया।
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