मल्हार मीडिया ब्यूरो।
केंद्र सरकार भारतीय महिला बैंक का विलय देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के साथ करेगी। केंद्र ने सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की।
महिलाओं के लिए इस अनूठे बैंक की स्थापना पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने की थी। वित्त मंत्रालय ने भारतीय महिला बैंक के एसबीआइ में विलय के निर्णय की प्रमुख वजह भी बताई है।
मंत्रालय ने कहा कि एसबीआइ की महिलाओं के लिए 126 विशेष शाखाएं हैं। जबकि बीएमबी की मात्र सात ब्रांच हैं। इसलिए भारतीय महिला बैंक की प्रशासनिक व प्रबंधकीय लागत काफी अधिक है।
एसबीआइ के माध्यम से काफी कम लागत पर महिलाओं को ज्यादा कर्ज मुहैया कराया जा सकता है। महिलाओं को सस्ता कर्ज मुहैया कराने के उद्देश्य को पूरा करने की जरूरत है।
साथ ही उन्हें व्यापक नेटवर्क के जरिये सेवाएं दिलाने की आवश्यकता है। भारतीय महिला बैंक की स्थापना को तीन साल हो चुके हैं। अब तक यह महिलाओं को करीब 192 करोड़ रुपये का कर्ज दे चुका है।
दूसरी ओर एसबीआइ समूह ने महिलाओं को 46,000 करोड़ रुपये बतौर कर्ज मुहैया कराया है। हाल ही में सरकार ने एसबीआइ के सहयोगी बैंकों का उसके साथ विलय करने का निर्णय किया था।
भारतीय स्टेट बैंक की देशभर में लगभग 20 हजार बैंक शाखाएं हैं। इसके करीब दो लाख कर्मचारियों में 22 प्रतिशत महिलाएं हैं।
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