डॉ.प्रकाश हिंदुस्तानी।
आज गुरूवार, 28 अप्रैल 2016 को सुबह राज्य सभा में डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक ट्वीट किया और यह बात उजागर की कि भारतीय मीडिया को मैनेज करने के लिए अगस्ता हेलीकॉप्टर डील में एक दलाल क्रिस्टियन मिशेल को 60,00,000 यूरो ( करीब 45 करोड़ रुपये) का भुगतान किया गया था। डॉ स्वामी ने आज राज्य सभा में भी यह मुद्दा उठाने की कोशिश की थी, जिस पर कांग्रेस के भड़के हुए सदस्यों ने भारी आपत्ति की और मुद्दा सलीके से उठ नहीं पाया। इस पर दिल्ली के तथाकथित स्टार पत्रकारों ने थोड़ी देर के लिए ही सही, राहत की सांस ली। दरअसल इस दलाल को 22 महीने तक हर महीने पौने तीन लाख यूरो (साठ लाख रुपये से भी ज़्यादा) मिलते रहे हैं, जिससे वह 'मीडिया को मैनेज' करता रहा। मीडिया को मैनेज करने में यह क्रिस्टियन मिशेल तो नीरा राडिया का भी बाप निकला। तभी तो 2012 तक अगस्ता हेलीकॉप्टर डील में भ्रस्टाचार की कोई खबर मेनस्ट्रीम मीडिया में नहीं आई।
कल एक मज़ेदार घटना घटी। आज तक चैनल पर '10तक' शो में पुण्यप्रसून बाजपेयी नहीं थे। वे बंगाल चुनाव के सिलसिले में बाहर थे। राजदीप सरदेसाई ने '10तक' प्रोग्राम का जिम्मेदारी ली। पत्रकार मित्रों की दी हुई जानकारी के अनुसार उन्होंने सुब्रह्मण्यम स्वामी को अपने शो में आने के लिए फोन किया, जिन्होंने संसद में अगस्ता हेलीकॉप्टर डील पर कल भूचाल ला दिया था। स्वामी ने शर्त राखी कि वे तभी आएंगे, जब आमने-सामने केवल उन्हीं से बात होगी। राजदीप सरदेसाई ने कहा -- हाँ-हाँ, बिलकुल ! शो के लिए ओबी ठिकाने पर सज गई, ताम झाम हो गया। लेकिन रात 10 बजे जब कार्यक्रम शुरू हुआ तब स्वामी को पता चला कि राजदीप ने कांग्रेस के अभिषेक मनु संघवी को भी शो में शामिल कर लिया है। कार्यक्रम में डॉ स्वामी ने कहा कि उनके पास अगस्ता हेलीकॉप्टर डील में भ्रस्टाचार के सबूत हैं तो राजदीप सरदेसाई ने कहा -- सबूत हैं तो दिखाइए ! स्वामी ने कहा -- यहाँ आपको क्यों दिखाऊं? जांच एजेंसी को ही दूंगा। पहले भी आप कहते रहे हो कि मैं बिना सबूत के बात करता हूँ, पर जब भी मैंने सबूत जांच एजेंसियों को सौंपे, आप चुप हो जाते हो. डॉ स्वामी केवल इतना ही नहीं भड़के; उन्होंने कहा कि आपने वन तू वन की बात कहकर बुलाया था और वादा तोड़ा, इसलिए मैं चला। और वे अपना लेपल माइक निकलकर चलते बने।
आज सुबह डॉ स्वामी के ट्वीट ने कई मशहूर और सत्ता के करीबी रह चुके पत्रकारों का दिन खराब कर दिया. राज्य सभा में उनकी इस मुद्दे को उठने की कोशिश से भी कई लोगों का चैन गायब हो गया है!
भारतीय मुद्रा में 3,546 करोड़ रुपये के 12 अगस्ता हेलीकॉप्टर खरीदने की डील में केवल दलालों और नेताओं ने ही रिश्वत नहीं ली; रिश्वत के टुकड़े देश के जानेमाने पत्रकारों खाये हैं। जरा याद तो कीजिए अगस्ता हेलीकॉप्टर डील कब हुई थी? 2009 में। इसके बाद 2012 तक किस टीवी चैनल इन इस के बारे में कुछ था? किस अख़बार ने इसके बारे में ख़बरें छापी थीं? अब इस बारे में लिखा और दिखाया जा रहा है जब इटली में हेलीकॉप्टर कंपनी के लोगों को 125 करोड़ की रिश्वत देने के मामले में सजा हुई है। भारतीय मीडिया की मज़बूरी है अब ! अब वे तमाम स्टार पत्रकार बाइट या फोनों लेने के लिए अहमद पटेल, सुब्रह्मण्यम स्वामी के आगे पीछे घूम रहे हैं, तब कहाँ थे? स्टार तो वे तब भी थे ही. आप जिन्हे स्टार पत्रकार मानते हैं, उनमें से पता नहीं कौन कौन कॉर्पोरेट लॉबिस्ट है!
अरबों रुपये की अगस्ता हेलीकॉप्टर डील में मीडिया को मैनेज करने वाले जिस बिचौलिये का नाम बार बार आ रहा है वह है क्रिस्टियन मिशेल। कौन है यह क्रिस्टियन मिशेल? यह है स्विट्ज़रलैंड का रहनेवाला, जो ब्रिटेन में बस गया है। लन्दन और दुबई में इसकी कम्पनियां हैं। भारत में इसकी ऊँची पहुँच है. नेताओं, फ़ौज, ब्यूरोक्रेट्स और मीडिया में. इसका पिता भी ऐसे ही काम करता था. काम के मामले में यह नीरा राडिया का बाप है! सवाल है कि इस दलाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जो पत्र लिखा था, वह राजदीप सरदेसाई और बरखा दत्त को कैसे मिला? पीएमओ ने उपलब्ध कराया क्या? वह क्यों कर ऐसा करें लगा? ई डी की जांच के बाद एक हथियार डीलर का दलाल अभिषेक वर्मा ( इनके पिताजी श्रीकांत वर्मा कांग्रेस के राज्य सभा सांसद रह चुके हैं; उसके पहले दिनमान पत्रिका में विशेष संवाददाता थे) जेल में है। इन्हीं के एक सहयोगी पत्रकार राजू संथानम से पूछताछ चल रही है.
...तो क्या इसीलिए ये स्टार पत्रकार चौकन्ने हैं? हम और आप जिन्हें स्टार पत्रकार मानते हैं वे वास्तव में क्या हैं?
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