डॉ.प्रकाश हिंदुस्तानी।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस तो 21 जून को है, लेकिन उसके दो दिन पहले 19 जून से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजन शुरू हो रहे हैं। 19 जून को रविवार है और यह सुविधाजनक हो सकता था कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस रविवार को मना लिया जाए। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां दुनियाभर में हो रही हैं और न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर से लेकर चंडीगढ़ तक विशेष आयोजनों की धूम रहेगी। कछ संस्थाएं तो इसके बाद भी आयोजन जारी रखेंगी। गत वर्ष 31 जून को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। तब दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 35 हजार 985 लोगों ने दिल्ली में एक साथ योग करके रेकॉर्ड बनाया था। इस बार भारत का मुख्य आयोजन दिल्ली की जगह चंडीगढ़ में होने वाला है। प्रधानमंत्री चंडीगढ़ में ही योग करेंगे।
अनुमान है कि चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री के साथ करीब 30 हजार लोग भी योग करेंगे। इन तीस हजार लोगों में से पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के 10-10 हजार लोग होंगे। एक महीने से इनकी ट्रेनिंग हो रही है। हरियाणा में योग करने वालों के लिए तीन-तीन दिन के विशेष शिविर लगाए गए हैं। पंजाब में भी ऐसे शिविर लग रहे हैं और 19 जून को योग दिवस की ड्रेस रिहर्सल होने वाली है। गणतंत्र दिवस की परेड की ड्रेस रिहर्सल की तरह इस रिहर्सल में भी जो लोग अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे, उन्हें 21 जून को प्रधानमंत्री के साथ योग करने का मौका नहीं मिलेगा।
न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर पर योग दिवस के मौके पर अनेक प्रसिद्ध योग गुरू और सेलेब्रिटीज मौजूद रहने वाली है। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरू जग्गी वासुदेव, मिस अमेरिका 2014, नीना देवुलुरी सहित अनेक राजदूत और राजनीतिज्ञ न्यूयॉर्क में मौजूद रहेंगे।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने पूरे देश में जगह-जगह योग पर सेमिनार, कार्यशालाएं, सांस्कृतिक आयोजन और भाषणमालाओं का आयोजन किया है। अधिक से अधिक संख्या में युवाओं को इससे जोड़ा जा रहा है। सरकार ने इस बार विवादों से बचने के लिए योग के प्रमुख कार्यक्रम में ॐ मंत्र का जाप अनिवार्य नहीं किया है। सूर्य नमस्कार को भी योग दिवस के कार्यक्रमों में शामिल करने से बचा गया है। तर्क यह दिया जा रहा है कि सूर्य नमस्कार योग नहीं, बल्कि व्यायाम है। वास्तविकता यह है कि योग के 12 आसनों को मिलाकर सूर्य नमस्कार की क्रिया होती है।
आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर भी 100 देशों में योग दिवस के आयोजन आयोजित करवा रहे है। श्रीश्री रविशंकर के भक्त दुनियाभर में फैले है और वे इन आयोजनों के साथ ही योग के महत्व पर भाषण और प्रशिक्षण सत्र आयोजित करवाएंगे। श्रीश्री रविशंकर ने योग दिवस के पूर्व पंजाब को ड्रग फ्री बनाने का आव्हान भी किया है। उड़ता पंजाब और योग दिवस के साथ उनका यह तालमेल वाकई अद्भुत है। श्रीश्री रविशंकर ने विश्व संस्कृति महोेत्सव के बहाने हाल ही में दिल्ली में यमुना के किनारे एक विशद आयोजन किया था, जो चर्चा और विवादों में घिरा रहा। श्रीश्री का कहना है कि योग केवल स्वास्थ्य के लिए नहीं किया जाता। योग के फायदों में बेहतर स्वास्थ्य तो है ही, साथ ही बेहतर जीवनशैली अपनाकर अपने दुखों से भी पार पाया जा सकता है। ध्यान और प्राणायाम के महत्व से दुनिया परिचित हो रही है। योग लोगों को नया जीवन देने की क्षमता रखता है।
स्कूलों और कॉलेजों में योग को बढ़ावा देने के अनेक आयोजन किए जा रहे हैं। स्कूलों से कहा गया है कि वे महीने में कम से कम एक दिन योग दिवस के रूप में मनाएं। रमजान का महीना होने से इस बात का ध्यान रखा गया है कि योग के आयोजन में अल्पसंख्यक समुदाय के किसी व्यक्ति को बाधा न हो। गत वर्ष ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने योग का विरोध यह कहकर किया था कि उसके जरिये हिन्दुत्व का प्रचार किया जा रहा है। आपत्ति थी ॐ और सूर्य नमस्कार पर। गत वर्ष भी योग में इसे शामिल नहीं किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन योग दिवस की पूर्व संध्या पर 20 जून को एक विशेष आयोजन करने जा रहा है, जिसमें योग के दिग्गजों से चर्चा होनी है। इस आयोजन को नाम दिया गया है कन्वरसेशन विथ योगा मास्टर्स, योगा फॉर अचीवमेंट ऑफ द सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स।
जहां-जहां योग दिवस के आयोजन हो रहे हैं, वहां-वहां आयोजनों को भव्य बनाने की कोशिश की जा रही है। बड़े-बड़े एलईडी स्क्रीन लगाए जा रहे हैं। आयोजन के प्रचार पर बड़ा धन खर्च हो रहा है। योग शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है और उनमें से कुछ को विदेश के दौरे भी करवाए जा रहे हैं। योग दिवस भले ही भारत की पहल पर मनाया जा रहा हो, चीन ने इस अवसर को भुनाने की पूरी तैयारियां कर रखी है। पूरी दुनियाभर में सप्लाई होने वाली योग मेट से लेकर एलईडी स्क्रीन तक की सप्लाई चीन कर रहा है। अमेरिका में योग स्टुडियो की संख्या अचानक बढ़ गई है और दर्जनों तरह के योग प्रशिक्षण हो रहे है। इनमें हॉट योग से लेकर पॉवर योग और न्यूड योग से लेकर माइंड योग तक के आयोजन हो रहे हैं। अमेरिका में योग शिक्षकों की भारी डिमांड है और वहां योग प्रशिक्षक प्रति घंटे के हिसाब से सेवा शुल्क वसूल कर रहे हैं। योग के दौरान पहने जाने वाले वस्त्रों की भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग हो रही है। हाल यह है कि अनेक वाइनरीज में अपने यहां बड़े-बड़े गेस्ट हाउस और रिसोर्ट खोल रखे है, जिनमेंं वाइन टेस्टिंग, योग और हॉलीडे पैकेज का मिला-जुला रूप लोगों के लिए उपलब्ध है। हॉलीवुड की सेलेब्रिटीज अपने योग ट्रेनर को सेलेब्रिटीज का दर्जा दिला रही है और वे भी इस मौके को भुनाना चाहते हैं।
एक अनुमान के अनुसार विश्वभर में योग का कारोबार 80 बिलियन डॉलर के बराबर है। यह राशि करीब साढ़े पांच लाख करोड़ रुपए के बराबर होती है। एक अनुमान है कि अकेले भारत में वेलनेस इंडस्ट्री करीब पांच सौ अरब रुपए की है। इसमें भारत में आयुुष सेक्टर का टर्नओवर 120 अरब रुपए के बराबर शामिल है। आयुष में आयुर्वेद, योग, नेचरोपैथी, यूनानी, होम्योपैथी और सिद्ध चिकित्सा जैसी सेवाएं शामिल है। एक अनुमान के अनुसार इस सेक्टर का 80 प्रतिशत भाग छोटे स्तर पर है। भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सरकार ने जिस आयुष विभाग की स्थापना की है, उसका लक्ष्य है कि भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग करके बीमारियों से लड़ने और लोगों को स्वस्थ रखने की कोशिशों को बढ़ावा देना। भारत में चिकित्सा के काम आने वाली जड़ी-बुटियों का कारोबार भी 11 अरब रुपए के बराबर माना जाता है। भारत की आयुर्वेदिक और परंपरागत दवाओं का उपयोग पश्चिमी यूरोप, अमेरिका, रूस, खाड़ी के देश जापान, नेपाल, यूक्रेन आदि करते है। भारत में भी योग के लिए स्टुडियो खुलने लगे हैं। इसके अलावा वेलनेस स्पा, वेलनेस रिसोर्ट आदि की भी शृंखलाएं खुल रही है। बाबा रामदेव के पतंजलि उत्पाद को दुनियाभर में बिक ही रहे हैं। उनकी योग कक्षाएं भी देशभर में संचालित की जा रही है। हाल ही में उन्होंने घोषणा की है कि पूरे देश में योग को बढ़ावा देने के लिए जिम खोलेंगे। इसकी शुरुआत हरियाणा से होगी, जहां दस हजार छोटे और मध्यम आकार के जिम तथा योग केन्द्र खोले जाने की योजना है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड एंड वर्कशॉप योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए संभावनाएं खोज रहा है।
अकेले भारत में ही पिछले एक साल में प्रशिक्षित योग शिक्षकों की मांग में 30 से 35 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। अनेक विश्वविद्यालयों में योग के विभाग खुल गए है। अमेरिका में जहां योग के प्रशिक्षक का प्रमाण पत्र पाने के लिए तीन महिने की मेहनत और पांच हजार डॉलर तक खर्च करने पड़ते है, वहीं भारत में योग प्रशिक्षक प्रमाण पत्र पाना सस्ता और आसान है। अमेरिका में करीब साढ़े तीन करोड़ लोग रोज योग की प्रैक्टिस करते हैं। वहां एक प्रशिक्षित योग शिक्षक एक घंटे के 35 से 50 डॉलर तक लेता है। इतनी राशि में भारत में महिनेभर का योग प्रशिक्षक उपलब्ध है।
उत्तराखंड में अनेक योग शिविर संचालित किए जाते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में विदेशी लोग आते है। ऋषिकेश में योग फेस्टिवल भी होता है, जिसमें तरह-तरह के योग सिखाए जाते है। गत वर्ष योग दिवस के मौके पर स्पाइस जेट ने मिल एयर योगा सेशन का आयोजन किया था, जब धरती से 35 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ते बोइंग विमान में यात्रियों ने योग आराधना की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ऐसे आयोजनों को हमेशा बढ़ावा देता रहता है।
कहते हैं कि भारत में योग की शुरुआत हमारे ऋषि मुनियों ने की थी और वे वानप्रस्थ के दौरान अपने कुटिया में ही योग के माध्यम से न केवल स्वस्थ रहते थे, बल्कि लम्बी आयु भी पाते थे। उन ऋषि मुनियों ने अपने शिष्यों के माध्यम से योग का प्रचार-प्रसार किया और योग देशव्यापी हो गया। भारत से यह दुनियाभर में फैला और पश्चिमी देशों में इसके अनेक आसनों को लोगों ने अपने-अपने नाम से पेटेन्ट भी करा लिया। श्रीश्री रविशंकर ने योग के अलग-अलग आयामों को समझा और उसे वैश्विक बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई, लेकिन बाबा रामदेव ने योग को घर-घर पहुंचाया और आम आदमी को योग करने के लिए प्रेरित किया। बीते एक साल में ही योग के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय गतिविधि और जिस गति से यह फैल रहा है, उसमें कोई शक नहीं कि योग का परचम अभी और लहराएगा।
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