 डॉ. राकेश पाठक
डॉ. राकेश पाठक
इंसानियत के दुश्मनों,तुम्हें दोज़ख की आग में जलना होगा!
अमरनाथ यात्रा पर हमला कर बेगुनाहों के खून से हाथ रंगने वालो कान खोल कर सुन लो...तुम्हें अपने एक एक जुल्म की, एक एक गुनाह की सजा मिलेगी। 
तुम्हें जन्नत नहीं दोज़ख मिलेगा और उसकी आग में जलना होगा।
सुनो तुम जिस मजहब के नाम पर इंसानियत का कत्लो- गारद कर रहे हो असल में तुम तो उस मज़हब का अलिफ ,बे,ले ,ते भी नहीं जानते हो! तुम्हें शायद मालूम न हो कि नबीये-करीम ने क्या फरमाया है!
आपने फरमाया है कि "अगर तुमने एक आदमी का भी कत्ल किया मानो तमाम इंसानियत का कत्ल किया।" और वो किस्सा सुना है तुमने?
पैगम्बर हज़रत मुहम्मद सल्लाहो अलैहिवसल्लम रोज एक रास्ते से गुजरते थे तो एक औरत छज्जे से उनके ऊपर कूड़ा डाल देती थी,आप कभी ऐतराज़ नहीं करते थे, मुस्कुरा कर आगे बढ़ जाते थे।
एक रोज जब आप वहां से गुजरे तो छज्जे से कूड़ा उन पर नहीं फैंका गया। 
आपको हैरानी हुई तो सीढियां चढ़ कर ऊपर पहुंचे सिर्फ ये जानने कि वो मोहतरमा खैरियत से तो हैं!
ऊपर जाकर देखा वो औरत बीमार थी तो पैग़म्बरे इस्लाम ने उस औरत की मिजाजपुर्सी की। 
और तुम उस इस्लाम के नाम पर रोज ब रोज इंसानियत का खून बहा रहे हो। परवरदिगार तुम्हें इसकी सज़ा ज़रूर देगा।
लानत है तुम पर।
 
                   
                   
             
	               
	               
	               
	               
	              
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