मल्हार मीडिया डेस्क।
मुंबई ठगी केस में मध्यप्रदेश का उप पुलिस निरीक्षक विनय कुमार मिश्रा शामिल, मुंबई में Maharashtra Protection of Interest of Depositors (MPID) Act के तहत मुकदमा दर्ज
मुंबई के एक ठगी केस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। केस के आरोपी आनंद कुमार पुत्र सर्वजीत मिश्रा व उसकी पत्नी विंध्यवासिनी मिश्रा जो कि ग्राम बिशुनपुर थाना गोल्हौरा जिला सिद्धार्थनगर के मूल निवासी हैं, को गिरफ्तार किया गया है।
इस ठगी के मामले में मध्यप्रदेश पुलिस के फिंगर प्रिंट विभाग में कार्यरत का एक उपनिरीक्षक शामिल है। भाई के साथ मिलकर जमीन की ठगी के मामले में इस उप पुलिस निरीक्षक के खिलाफ न सिर्फ एफआईआर दर्ज है बल्कि वह वांटेड भी करार दिया गया है।
पुलिस ने जांच के लिए पूछताछ हेतु नोटिस जारी किया है, दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि विनय कुमार मिश्रा ने अंतरिम जमानत ले ली है।
बता दें कि मुंबई के थाना नवघर में इस मामले में एफआईआर संख्या- 522/2022 में धारा 420, 406, 120B व 34 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विनय कुमार मिश्रा ने अपनी पत्नी क्षमा पाठक के नाम फूलपुर प्रयागराज उत्तर प्रदेश में 2 प्लॉट लिए हैं, पुलिस का कहना हैं कि यह ज़मीन आनंद मिश्रा द्वारा भेजे गए पैसे के मार्फत ली गई है।
इस पूरी घटना में पुलिस उप निरीक्षक विनय कुमार मिश्रा का नाम मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया हैं। आरोपी एमपी के दमोह का रहने वाला बताया जा रहा है।
इसी प्रकरण में विनय कुमार मिश्रा के बड़े भाई प्रमोद मिश्रा ने भी विनय मिश्रा को मास्टरमाइंड बताते हुए मजिस्ट्रेट के सामने 164 में अपना बयान दर्ज कराया है।
पूछताछ के दौरान आनंद मिश्रा व उसकी पत्नी तथा उसके बड़े भाई प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि मई वर्ष 2022 में विंध्यवासिनी मिश्रा, विनय कुमार मिश्रा के घर सोना और पैसा रखकर नेपाल चले गए थे।
इसी कड़ी में आनंद कुमार मिश्रा के साले शैलेंद्र शुक्ला का नाम भी एफआईआर में दर्ज कर मुंबई पुलिस खोजबीन में लगी है। इसके पास भी आरोपी विंध्यवासिनी ने अपने बयान में लगभग 25 तोला सोना और 60 लाख रुपए रखने की बात बतायी है.
इस मामले में गिरफ्तार आरोपी आनद कुमार पुत्र सर्वजीत मिश्रा व उसकी पत्नी विंध्यवासिनी मिश्रा जो कि ग्राम बिशुनपुर थाना गोल्हौरा जिला सिद्धार्थनगर का मूल निवासी हैं।
इनकी गिरफ्तारी के बाद दिए गए बयान के आधार पर उनके छोटे भाई विनय कुमार मिश्र जो कि भोपाल मध्यप्रदेश पुलिस में फिंगर प्रिंट विभाग में कार्यरत हैं का नाम मुंबई पुलिस ने एफ आई आर में दर्ज कर वांटेड करार किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विनय कुमार मिश्रा ने अपनी पत्नी क्षमा पाठक के नाम उत्तरप्रदेश के फूलपुर प्रयागराज में 2 ज़मीन का प्लॉट लिए। पुलिस का कहना है कि यह ज़मीन आनंद मिश्रा द्वारा भेजे गए पैसे से खरीदी गई।
इस पूरी घटना में पुलिस उप निरीक्षक विनय कुमार मिश्रा का नाम मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया हैं।
इसी प्रकरण में विनय कुमार मिश्रा के बड़े भाई प्रमोद मिश्रा ने भी विनय मिश्रा को मास्टरमाइंड बताते हुए मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 में अपने बयान दर्ज कराए हैं।
पूछताछ के दौरान आनंद मिश्रा व उसकी पत्नी तथा उसके बड़े भाई प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि मई 2022 में विंध्यवासिनी मिश्रा दमोह विनय कुमार मिश्रा के घर सोना और पैसा रख कर नेपाल चले गए थे।
इसी कड़ी में आनंद कुमार मिश्रा के साले शैलेंद्र शुक्ला का नाम भी एफ आई आर में दर्ज कर मुंबई पुलिस उसकी खोजबीन में लगी हैं। इसके पास भी आरोपी विंध्यवासिनी ने अपने बयान में लगभग 25 तोला सोना और 60 लाख रुपया रखने की बात कही है।
पड़ोसियों से प्राप्त जानकारी अनुसार मुंबई पुलिस सिद्धार्थनगर विंध्यवासिनी मिश्रा के मायके भी गई थी जहाँ ( ग्राम बर्दहवा थाना मोहना ) पर सोना रखने की बात विंध्यवासिनी ने भी बताई थी परंतु इसकी जानकारी शैलेंद्र शुक्ला ने अपने माता पिता को वहाँ से पुलिस आने के पहले ही नेपाल भगा दिया।
इस पूरी ठगी में मुंबई के लगभग 15-18 लोगो ने पुलिस में शिकायत की है। दोनों मुख्य आरोपी आनंद मिश्रा व विन्ध्यवासिनी मिश्रा फिर हाल जेल में हैं और मुंबई पुलिस आगे की पड़ताल में लगी हैं।
वहीं विनय कुमार मिश्रा के खिलाफ जांच हेतु नोटिस भेजा गया है और वह फिलहाल अंतरिम जमानत पर है।
समाचार सूत्रों से प्राप्त जानकारी एवं दस्तावेजों के आधार पर
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