मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। सूत्रों के अनुसार ससुराल पक्ष से गोविंद सिंह राजपूत को मिली दान में भूमि को लेकर आयकर विभाग ने अपनी नज़र टेढ़ी कर ली है।
गौरतलब है कि 2020 से 2022 के बीच गोविंद सिंह राजपूत के सास श्रीमती लाड़ कुंवर पत्नी विश्वनाथ सिंह ससुर,साले करतार सिंह पिता विश्वनाथ सिंह , हिमाचल सिंह पिता विश्वनाथ सिंह,सविता बाई पति करतार सिंह , प्रथमेश पिता करतार सिंह, शुभम पिता हिमाचल सिंह ने खसरा क्रमांक 13 28 / 1, 13 27 /1, 13 22 / 1 ,13 22 / 2 ,13 23 / 1 /1, 13 23/2 1326/1, 1327/21322/1/2,1323/1/2,1329 को खरीदा गया था। उक्त भूमि गोविंद सिंह राजपूत के ससुराल पक्ष द्वारा खरीदने के पहले राजस्व रिकार्ड में सिंचित भूमि के तौर पर दर्ज थी। उक्त भूमि का राजस्व बचाने के लिए राजस्व रिकार्ड में उक्त खसरे की भूमि सिंचित से असिंचित में दर्ज कर दी गई।
कुछ समय बाद उक्त खसरे की भूमि गोविंद सिंह तथा उनकी पत्नी सविता सिंह और उनके दोनों बच्चों के नाम दान और विक्रय कर दी गई।
उक्त भूमि भोपाल रोड पर भापेल स्थित 50 एकड़ है। इस मामले को लेकर जब शिकायत हुई तो उक्त भूमि में जो भूमि गोविंद सिंह और उनकी पत्नी के नाम से दान की गई थी वह जमीन वापस दानदाता को कर दी गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयकर विभाग खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के ससुराल पक्ष द्वारा खरीदी गई जमीन को बेनामी संपत्ति के तौर पर मानते हुए जानकारी एकत्रित कर रहा है।
सवाल है कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने ससुराल पक्ष से दान ली भूमि वापस क्यों कर दी ?
सवाल है गोविंद सिंह राजपूत के ससुराल पक्ष द्वारा दान में दी गई भूमि को खरीदने के लिए पैसा कहां से आया था ?
सवाल यह भी है कि सिंचित भूमि किस राजनेता के दबाव में असिंचित भूमि के तौर पर दर्ज की गई ?
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