मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने छिंदवाड़ा में शायद ही ऐसी स्थिति कभी आई होगी। कभी उनके खास वफादारों में शामिल रहे नेता, अब उनसे एक-एक कर दूर जा रहे हैं। पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक दीपक सक्सेना ने भी आज कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
दीपक सक्सेना कांग्रेस की सरकार में दो बार मंत्री रह चुके हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में वह छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से विधायक भी चुने गए थे। कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपनी सीट कमलनाथ के लिए छोड़ दी थी। अभी दीपक सक्सेना कमलनाथ के छिंदवाड़ा में विधायक प्रतिनिधि थे। सालों पुराना रिश्ता उन्होंने एक भावुक पत्र लिखते हुए तोड़ दिया है।
दीपक सक्सेना की छिंदवाड़ा में कमलनाथ के सबसे खास वफादारों में गिनती होती थी। कमलनाथ का भी उन पर अटूट भरोसा था। तमाम अटकलों के बीच गुरुवार को उन्होंने कह दिया कि हम अब दायित्वों का निर्वहन करने में सक्षम नहीं हैं। इस्तीफा देने के लिए दीपक सक्सेना ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व सीएम कमलनाथ को अलग-अलग पत्र लिखे हैं। जीतू पटवारी को लिखे पत्र में दीपक सक्सेना ने कहा है कि मैं 1974 से कांग्रेस का सदस्य हूं। साथ ही कोऑपरेटिव बैंक का अध्यक्ष भी रहा हूं। दीपक सक्सेना एमपी विधानसभा के चुनाव सात बार लड़ चुके हैं।
दीपक सक्सेना ने इस्तीफे के लिए लिखे पत्र में अपनी व्यक्तिगत परेशानियों का जिक्र किया है। साथ ही कहा है कि इसकी वजह से हम पार्टी की जवाबदारियों का निर्वहन सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह है कि मैं कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। इसे स्वीकार कर लिया जाए।
पूर्व सीएम कमलनाथ को लिखे पत्र में दीपक सक्सेना ने बताया है कि कैसे उन्होंने एक साधारण किसान को यहां तक पहुंचाया है। 2003 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी उन्होंने मुझ पर भरोसा किया। साथ ही फिर से चुनाव लड़ने का मौका दिया। इस स्नेह और सहयोग के लिए उनका आभार है। कमलनाथ का भरोसा हम पर बना रहा है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के दौरान दीपक सक्सेना दो बार मंत्री भी रहे हैं।
दरअसल, कमलनाथ अभी छिंदवाड़ा से विधायक हैं। दीपक सक्सेना विधायक के प्रतिनिधि हैं। उन्होंने इस पद से भी इस्तीफा दे दिया है। कमलनाथ को लिखे पत्र में दीपक सक्सेना ने कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में मैं अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रहा हूं। विधायक प्रतिनिधि के साथ-साथ संगठन के सभी पदों से मैं इस्तीफा दे रहा हूं।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ के करीबियों की पार्टी छोड़ने की लंबी फेहरिस्त है। दीपक सक्सेना से पहले उनके करीबी सैयद जाफर ने पार्टी छोड़ी है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव से पहले उनके मीडिया सलाहकार रहे नरेंद्र सलूजा ने पार्टी छोड़ दी थी। बताया जा रहा है कि दीपक सक्सेना अपने बेटे के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
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