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पूर्व विधायक पारूल साहू की घर वापसी, फिर भाजपा में शामिल

खास खबर            Apr 12, 2024


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के सागर जिले के सुरखी से कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व विधायक पारूल साहू की शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी में घर वापसी हो गई। पारूल ने कांग्रेस छोड़कर प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को भाजपा की सदस्यता ली।

पारूल के अलावा छिंदवाड़ा जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सेना, मध्य प्रदेश पुलिस कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष बल्लू यादव, यादव महासभा प्रदेश उपाध्यक्ष शेर सिंह यादव, रायसेन पसमांदा मुस्लिम समाज जिलाध्यक्ष अफरोज अली, शासकीय महाविद्यालय छिंदवाड़ा पूर्व अध्यक्ष शाहिद खान, जनपद सदस्य डा. प्रतिभा राजगोपाल, रिजवान खान, वीरेंद्र सिंह यादव, दीपक धाकड़, सुरेश, देवेंद्र, पूर्व प्रदेश प्रतिनिधि कांग्रेस कमेटी वीरेंद्र सिंह यादव सहित सरपंच, सरपंच प्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी की सदस्यता ली।

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री व न्यू ज्वाइनिंग टोली के प्रदेश संयोजक डा. नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश शासन के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एवं पूर्व मंत्री रामपाल सिंह, प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू ने पार्टी का अंगवस्त्र पहनाकर सभी का स्वागत किया।

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अति कर दी है, भगवान राम के मंदिर का विरोध करते हैं, दूसरी तरफ दुआ करते हैं। दोहरा चरित्र नहीं चलेगा, एक लाइन कुछ भी पकड़ लो। भोपाल से दिग्विजय मैदान छोड़कर राजगढ़ चले गए। वहां भी वह चुनाव जीतने के लिए 400 लोगों को इकट्ठा कर रहे हैं, लेकिन वहां भी वह हार जाएंगे। प्रदेश की खस्ता हालत बनाने में मिस्टर बंटाधार दिग्विजय सिंह का हाथ रहा है। शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता संभालने के बाद प्रदेश को बीमारू से विकसित राज्य बनाया। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश को नंबर वन राज्य बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री डा यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा कांग्रेस का गढ़ नहीं समस्या बन गई है। यहां केवल एक ही परिवार चुनाव लड़ता रहा, लेकिन इस बार छिंदवाड़ा की जनता ने तय कर लिया है कि बाहरी को बाहर करेंगे और स्थानीय को चुनाव जिताएंगे। कहते हैं कि राम मंदिर में हमने भी चंदा दिया। चंदे का धंधा कांग्रेस का रहा है। कांग्रेस का पतन कोई नहीं कर रहा,बल्कि कांग्रेस खुद अपने पतन के लिए जिम्मेदार है। हमारी पार्टी में बुद्धिजीवी लोग आ रहे हैं।

कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि छिंदवाड़ा के मित्र अमित सक्सेना भी आ गए हैं तो भाजपा तो अमिट है और कांग्रेस मिटने वाली है। मप्र में डा मोहन यादव के नेतृत्व की सरकार बेहतर काम कर रही है। मोदी के हाथों भारत विश्व का नेतृत्व करेगा।

अब कांग्रेस की हालत ये हो गई है कि उनकी सर्वश्रेष्ठ नेत्री सोनिया गांधी ने ही मैदान छोड़ दिया, चुनाव नहीं लड़ रही हैं। जहां इंदिरा गांधी लड़ी वहां से कांग्रेस के पास उम्मीदवार ही नहीं है। अमेठी में जहां राहुल बाबा चुनाव लड़ते थे वहां ही कांग्रेस के पास उम्मीदवार नहीं है। अपने घर में ही कांग्रेस की जड़े नहीं बची, क्योंकि कांग्रेस देश की जड़ों से नहीं जुड़ी।

 

गौरतलब है कि पारुल साहू ने बुधवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद गुरुवार को भोपाल पहुंचकर पूर्व मंत्री और भाजपा के न्यू ज्वाइनिंग कमेटी के संयोजक डा. नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की थी। इससे पहले वे मंगलवार को सागर में भी कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत व भाजपा जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया से मिली थीं। छिंदवाड़ा के कांग्रेस नेता और दीपक सक्‍सेना के चचेरे भाई जिला पंचायत उपाध्‍यक्ष अमित सक्‍सेना ने भी भाजपा का दामन थाम लिया।

2013 में चुनी गई थीं विधायक

गौरतलब है कि वर्ष 2013 में पारुल भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बनी थीं, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था। इसके बाद 2020 में प्रदेश में हुई सियासी उठापटक के बाद जब गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए और सुरखी सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया तो पारुल ने नाराज होकर भाजपा छोड़ दी थी और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरीं। हालांकि तब उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। पारुल ने बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को एक लाइन का इस्तीफा लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया था। उनके इस्तीफा देने के साथ ही भाजपा में शामिल होने की अटकलें चल रही थीं।

 

 



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