मल्हार मीडिया भोपाल।
प्रहलाद पटेल, भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव अपने-अपने क्षेत्र के लोकप्रिय, सफल, धाकड़ और पार्टी में वरिष्ठ, अनुभवी नेता हैं। दनादन कांग्रेसियों की ज्वाईनिंग पर पुराने भाजपाईयों का असहज होना स्वभाविक है। ऐसे में इन वरिष्ठ नेताओं के जो बयान आ रहे हैं वह यह साबित करने काफी हैं कि इन नई भर्तियों से कोर भाजपाई कतई खुश नहीं है। एक तरफ भूपेंद्र सिंह ने कुछ मिलने ने मिलने का बयान दिया वहीं प्रहलाद पटेल ने कचरे की संज्ञा दे डाली तो अब वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव ने कहा है कि कांग्रेसी एक-एक करके पके बेर से टपक रय।
कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने को लेकर विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के बयान के बाद अब पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव और वर्तमान मंत्री प्रहलाद पटेल के भी बयान सामने आए हैं।
एक तरफ जहां मंत्री प्रहलाद पटेल ने सूखा कचरा गीला कचरा मेडिकल वेस्ट की उपमा देते हुए बयान दिया कि प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तरह के कचरे की अलग अलग व्यवस्था की है गीला कचरा सूखा कचरा और मेडिकल वेस्ट तो सूखा और गीली कचरा जमा हो चुका है मेडिकल वेस्ट बचा हुआ है।
शुक्रवार को छतरपुर पहुंचे पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल यहां वह भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने भाजपा में आए दिन शामिल हो रहे कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सभी मेडिकल वेस्ट है। उन्होंने कहा कि ये सभी नेता कचरे की तरह हैं।
मीडिया के सवाल पुछने पर दिया ये जवाब
कार्यक्रम के दौरान मीडिया ने जब उनसे सवाल पूछा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी कह रहे है कांग्रेस का कचरा भाजपा के डस्टबिन में जा रहा है। इसपर जवाब देते हुए प्रहलाद ने कहा कि मोदी सरकार ने कचरे के तीन डिब्बे बना रखें है। कहीं गीला कचरा, कहीं सूखा कचरा और कहीं मेडिकल वेस्ट वाला कचरा।
प्रहलाद पटेल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के उस बयान पर जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कांग्रेसी नेताओं के भाजपा में शामिल होने पर कहा था कि कचरा साफ होता जा रहा है।
वहीं अब पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक गोपाल भार्गव का इस संबंध में बयान आया है, जिसमें उन्होंने भाजपा में शाामिल हो रहे कांग्रेसियों को पके बेर की संज्ञा देते हुए कहा है कि जैसे पके बेर एक-एक कर टपकते हैं ऐसे कांग्रेसी टपक रहे।
बहरहाल तीन वरिष्ठ नेताओं के इस तरह के बयान से यह तो जाहिर हो गया है कि वे भाजपा में कांग्रेसियों के इतनी बड़ी संख्या में शामिल होने को सहज नहीं ले पा रहे हैं।
वैसे भी जबसे सरकार बनी है केंद्र सरकार द्वारा राज्य के संबंध में लिए जा रहे निर्णयों को नेता भी आसानी से पचा नहीं पा रहे हैं। ऐसे में यह बयान सियासी हलचल बढ़ाने के लिए बहुत मायने रखते हैं
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