मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ लोकसभा से सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक ने टीकमगढ़, निवाड़ी और छतरपुर जिले में नियुक्त किए गए सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है और तीनों जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखा है। चौंकाने वाली बात ये है कि खटीक ने लोकसभा क्षेत्र में 200 से ज्यादा प्रतिनिधि बना दिए थे।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने सांसद प्रतिनिधियों को लेकर हो रहे बखेड़े के चलते अपने सभी सांसद प्रतिनिधि हटा दिए हैं। उनके संसदीय क्षेत्र में 201 सांसद प्रतिनिधि बनाए गए थे।
गोरतलब है कि टीकमगढ़ लोकसभा से सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक ने टीकमगढ़, निवाड़ी और छतरपुर जिले में नियुक्त किए गए सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है और तीनों जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखा है। पत्र में कहा कि मेरे द्वारा जिले में विभिन्न विभागों एवं स्थानों पर कार्य को सहज बनाने के लिए सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति की गई थी।
विभिन्न विषयों के आने के कारण एवं पार्टी के रीति नीति एवं सिद्धातों के तहत पार्टी हित में समस्त सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति स्थगित की जाती है। उन्होंने यह भी लिखा कि सभी सांसद प्रतिनिधियों की समीक्षा करने के उपरांत सभी प्रकार की सकारात्मक स्वीकृति आने के उपरांत पुनः नियुक्तियां की जाएंगी।
गौरतलब है कि टीकमगढ़ के एक सांसद प्रतिनिधि के खिलाफ दो दिन पहले ही बच्ची से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज हुआ है। सांसद ने हर जिले में बड़ी तादाद में सांसद प्रतिनिधि बना दिए थे। इनमें से कुछ के खिलाफ पहले से ही बलात्कार सहित कई गंभीर अपराध दर्ज होने पर पूर्व मंत्री मानवेन्द्र सिंह भंवर राजा, छतरपुर विधायक ललिता यादव के साथ ही पूर्व विधायक राहुल लोधी आदि ने सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए थे। मामला तूल पकड़ने पर भाजपा हाईकमान ने इसे अपने संज्ञान में लिया था। समझा जाता है कि हाईकमान के निर्देश पर सांसद को अपने प्रतिनिधियों की नियुक्ति स्थगित करनी पड़ी है।
टीकमगढ़ लोकसभा से सांसद और केंद्रीय मंत्री द्वारा विगत माह टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में 201 सांसद प्रतिनिधि बनाए थे, जिनको लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधायक और पूर्व विधायकों ने विरोध किया था। लगातार पार्टी विरोध के चलते सोमवार की शाम उन्होंने टीकमगढ़, छतरपुर और निवाड़ी कलेक्टर को पत्र लिखकर के सभी प्रतिनिधियों की नियुक्ति निरस्त कर दी है। हालांकि ये बता दें कि सांसद प्रतिनिधि कोई संविधानिक पद नहीं है, इसलिए चाहें जितने प्रतिनिधि बनाए जा सकते हैं।
टीकमगढ़ लोकसभा से सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक द्वारा छतरपुर जिले की तीन विधानसभा में अपने सांसद प्रतिनिधि बनाए गए थे, जहां पर विरोध के तौर पर पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह और छतरपुर विधानसभा की विधायक ललिता यादव ने सांसद प्रतिनिधियों का विरोध किया था और कहा था कि सांसद वीरेंद्र खटीक ने ऐसे लोगों को प्रतिनिधि बना दिया है जो भारतीय जनता पार्टी का विधानसभा में विरोध कर रहे थे। इसके बाद टीकमगढ़ विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक राकेश गिरी गोस्वामी और पूर्व मंत्री राहुल लोधी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बनाए गए सांसद प्रतिनिधियों का विरोध किया था। कांग्रेस ने भी सांसद प्रतिनिधियों को अपराधी किस्म का बताते हुए विरोध किया था।
दरअसल सांसद प्रतिनिधि कोई संविधानिक पद नहीं है, न ही इसका कहीं कोई ज़िक्र है। एक हिसाब से अपने चहेतों और पार्टी कार्यकर्ताओं को उपकृत करने का काम होता है प्रतिनिधि बनाना। बता दें कि सांसद हर विभाग में हर जगह, हर मीटिंग में जा नहीं सकता जिसके चलते अपनी मर्ज़ी अनुसार हर विभाग में अपने प्रतिनिधि बना देते हैं। जिससे कि वह सांसद की अनुपस्थिति में सिर्फ बैठक में जा सकते और पार्टिसिपेट कर सकते हैं। इस दौरान वह कोई आदेश या दिशा निर्देश जारी नहीं कर सकते न ही उनके निर्देशों का पालन करने की बाध्यता है। कुल मिलाकर पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने चहेतों को उपकृत करने का तरीका है।
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