मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्री सुखदेव पांसे ने पदभार सम्भालने के साथ ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों से बैठक में निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या का स्थायी हल करने के लिए योजनाएँ बनाकर तुरन्त क्रियान्वयन किया जावे।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय अधिकारी केवल आंकड़ो की बाजीगरी करते रहे और जनता पेयजल संकट से जूझती रही है। अब ऐसा नही चलेगा। विभाग को धरातल पर सार्थक काम करना होगा और ग्रामीण जनता की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान करना होगा।
उन्होंने अधिकारियों को सरकार के वचन पत्र में विभागीय वचनों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिये, बैठक में प्रमुख सचिव श्री विवेक अग्रवाल और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उन्होंने अधिकारियों को कहा कि यह सरकार जनता की सरकार है, अतः ग्रामीण जनता को पेयजल संकट का सामना करना पड़े यह बर्दाश्त नही किया जावेगा।आगामी ग्रीष्म ऋतु में पूरे प्रदेश में कहीं पर भी पेयजल संकट की स्थिति नही बने ऐसी कार्ययोजना जनता और जनप्रतिनिधियो से चर्चा कर तत्काल बनाये एवं उसकी वह स्वयं समीक्षा करेंगे।
श्री पांसे ने कहा कि सभी बन्द नल जल योजनाओं को पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से समन्वय कर चालू की जावे। मंत्री ने कहा कि सभी अधिकारियों को जनता के प्रति जवाबदेह बनाया जाएगा। उन्होंने कहा जो अधिकारी जनता के बीच रहकर परिणाम देगा वो ही फील्ड में काम कर पायेगा अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जावेगी।
श्री पांसे ने कहा कि वचनपत्र में उल्लेख अनुसार मप्र जल निगम को सृदृढ़ बनाया जावेगा और पूरे प्रदेश में समूह नल जल योजनाओ का कार्य शीघ्र गति से पूर्ण करवाया जावेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य समस्त ग्रामीण घरों मे नल के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराना है। सर्वप्रथम प्रदेश के ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहां भूजल स्तर में गिरावट होने के पेयजल की समस्या प्रत्येक वर्ष बनती है वहां सतही स्रोत आधारित बड़ी समूह नल जल योजनाओं को प्राथमिकता दी जावेगी और इसकी शुरुआत छिंदवाड़ा जिले से की जाएगी।
 
                   
                   
             
	               
	               
	               
	               
	              
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