मल्हार मीडिया भोपाल।
जेंडर संवेदनशीलता या जेंडर आधारित हिंसा केवल महिलाओं का मुद्दा नहीं, या महिला विरूद्ध पुरूष या थर्ड जेंडर नहीं, बल्कि यह मानव गरिमा और समानता का प्रश्न है, जो प्रत्येक नागरिक को समानता, भेदभाव मुक्त और गरिमा से जीवन जीने का अधिकार देता है। यह विचार आज यहां सामाजिक संस्था सरोकार और राजीव गांधी महाविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं और प्रतिभागियों ने व्यक्त किए। कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने यह संकल्प लिया कि कैसे वे अपने जीवन में या अपने आसपास होने वाले लैंगिक भेदभाव, हिंसा को जान कर और देखकर चुप नहीं रहेंगे ।
मानव अधिकार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सरोकार की सचिव कुमुद सिंह द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभागी विद्यार्थियों से कुछ सवाल किए गए। प्रतिभागियों से मिले जवाबों से यह तस्वीर सामने आई कि समाज में जेंडर भेदभाव और जेंडर आधारित हिंसा की स्थिति बहुत भयावह है। एक अन्य गतिविधि से यह स्पष्ट हुआ कि जेंडर आधारित हिंसा का अर्थ केवल महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा नहीं है। किसी भी जेंडर के साथ होने वाले भेदभाव, हिंसा गलत हैं और हम सबको इसका विरोध करना होगा ,लेकिन पितृसत्तात्मकता के चलते महिलाओं को हमेशा दोयम दर्जे पर रखा गया, इसलिए उनके अधिकारों के लिए हम सबको एकजुट होकर खड़े होना होगा।
सरोकार की संरक्षक, साहित्यकार, स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत एडीशनल डायरेक्टर डॉक्टर वीणा सिन्हा ने बतौर स्त्री रोग विशेषज्ञ अपने जीवन में हुए कड़वे अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे लोग गर्भ में बच्चे का लिंग पता करने के लिए दबाव बनाते थे , कैसे गर्भवती महिला की जान की परवाह नहीं करते। कैसे उम्र में दोगुने अंतर के बावजूद अपनी कम उम्र बेटियों को ब्याह देते हैं, यह सब मानव अधिकार का उल्लंघन है और इन विचारों में परिवर्तन के लिए अभी बहुत काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि ये किस्से यह साबित करते हैं कि महिलाओं के साथ उनके अधिकारों के लिए आवाज़ उठाना बहुत जरूरी हो गया है। साथ ही केवल महिला नहीं, बल्कि एल जी बी टी क्यू प्लस के अधिकारों के लिए भी जागरूक होने होगा। हम सब मनुष्य हैं, तो हम सबके अधिकार समान होने चाहिए। इसके लिए निरंतर संवाद होना चाहिए। कॉलेज की प्राचार्य अपर्णा एलिया ने कहा कि मानव अधिकारों की रक्षा कानून से अधिक सामाजिक चेतना पर निर्भर करती है।
कार्यक्रम में अपनी बात रखने वाले आठ प्रतिभागियों को सरोकार की ओर से पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री मंजू वर्मा ने किया। इससे पूर्व विद्यालय की ओर से सरोकार समूह के सदस्य अथितियों को प्रतीक चिन्ह प्रदान किए गए। कार्यक्रम में डॉ. दर्शना सोनी, प्रोफेसर टी पी सिंह, डॉ.मोनिका वैद्य,सुश्री शबाना खान, डॉ. मंजू दुबे, सुश्री सरस्वती गुप्ता, भारती बुधोलिया, नीतू पटेल, राशि भारद्वाज, मयूरी खरे उपस्थित थे।
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