मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के आंगनवाड़ी सिर्फ आंगनवाड़ी नहीं रहेंगे अब प्री स्कूलिंग वहीं से होगी।
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले का मार्गदर्शन, प्रोत्साहन एवं उत्प्रेरण कार्यक्रम कार्यक्रम में कही।
इस दौरान उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले चयनित अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि हमारे आंगनवाड़ी सिर्फ आंगनवाड़ी नहीं रहेंगे, अब प्री स्कूलिंग वहीं होगी।
बेटों के कारण बेटियों के साथ अन्याय होता है। बेटी की सांस जब तक होगी, अपने माता पिता के लिए चलेगी। लाड़ली लक्ष्मी योजना के कारण चमत्कार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माँ-बहन और बेटी को उनका अधिकार दिलाना मेरे जीवन का उद्देश्य है। प्रदेश में लिंगानुपात बराबर करने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ।
बेटे की चाह ने बेटियों के साथ बहुत अन्याय किया है, हमारी सरकार बेटियों को बोझ समझने के सब कारणों को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वर्ष 2011 की जनगणना के समय प्रदेश का शिशु लिंगानुपात 919 था। एनएचएफएस-5 के अनुसार जन्म के समय लिंग अनुपात 927 से बढ़ कर 956 हो गया।
जिन्होंने ये काम किया है, उन्हें 25 हजार की सम्मान निधि भी दी जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में सबसे बड़ा काम कुपोषण दूर करना है। महिला बाल विकास मतलब आबादी की विकास की सेवा है, यहां कुपोषण के मामले देख मुझे कलंकित सा महसूस होता है।
काम लगातार किया जा रहा है, लेकिन बाकी राज्यों से पीछे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मेरे लिए विभाग नहीं परिवार है। मैंने सोचा कि मैदानी अमला जो मेहनत करता है, उनसे बात हो।
उन्होंने कहा कि आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से मिलने, उनसे बातचीत करने और उनसे सुझाव लेने के लिए हर 3-4 माह में कार्यक्रम किए जाएंगे। साथ ही विभागीय गतिविधियों के बारे में सुझाव आमंत्रित कर व्यवस्था में सुधार की दृष्टि से उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।
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