मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के सभी 52 जिला पंचायतों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष लोकसभा चुनाव के पहले राजधानी में जुटे। यह सभी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए थे। विभागीय मंत्री प्रहलाद पटेल की मौजूदगी में जहां इन प्रतिनिधियों ने विधायक की तरह सहायक मांगा। वहीं कुछ ने कर्मचारियों के ट्रांसफर में सहमति के अधिकार की इच्छा जताई है।
दरअसल इस समारोह के माध्यम से पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल प्रदेश भर से पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्षों और उपाध्यक्षों से सीधे मुखातिब हुए थे। संभागवार औपचारिक परिचयक कार्यक्रम के दौरान राजधानी पहुंचे इन प्रतिनिनिधयों ने परिचय बाद मंत्री को काम-काज में आड़े आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों से भी अवगत कराया।
हालांकि इनमें अधिकांश पंचायत और दूसरे सहयोगी विभागों से संबंधित थी। बावजूद इसके जनप्रतिनिधियों ने यहां पंचायत अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करते हुए अपने अधिकारों में वृद्धि की मांग को प्रमुखता से रखा।
इसको देखते हुए पंचायत मंत्री ने लोकसभा चुनाव बाद कार्यशाला आयोजित कर निराकरण का भरोसा दिलाया है। इस दौरान विधायक भगवान दास सबनानी, सागर जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संचालक सह आयुक्त केदार सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कर्तव्यों के साथ सुनिश्चित हों अधिकार: पटेल
जन-प्रतिनिधियों के सुझावों को सुनने के बाद मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनके द्वारा दिए गए सुझावों को अमल में लाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। चूंकि कार्यक्रम में सभी ने अपने अधिकारों की बात कही लेकिन समाज के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है कि हम अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों की भी बात करें।
किसने क्या कहा
ट्रांसफर में सहमति ली जाय
सचिवों के ट्रांसफर हो जाते हैं और हमें पता ही नहीं चल पाता है। कम से कम ग्रामीण व पंचायत सेवा के कर्मचारियों के स्थांतरण में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष अनुशंसा करने का अधिकार दिया जाए
कुंवर राय उददय प्रताप, जिला पंचायत अध्यक्ष अशोकनगर
कार्यं सहायक दिया जाय
जिस तरह विधायकों और सांसदों को कार्य सहायक मिलते हैं उसी प्रकार जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को भी मिलने चाहिये।
गीता कैलाश मीणा, अध्यक्ष जिला पंचायत विदिशा
ऑडियो कैमरे लगाकर रोकी जाय अधिकारियों की मनमानी
जिला पंचायतों में ऑडियो के साथ कैमरे लगाए जाएं। जिससे जिला पंचायत के कागजातों को मैन्यूप्लेट करने वाले सीईओ पर रोक लगाई जा सके।
राजा योगेश लिल्हारे, जिला पंचायत अध्यक्ष बालाघाट
जिला पंचायत उपाध्यक्ष संघ की ओर से सागर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह ठाकुर ने अपनी मांग तथा सुझाव देते हुए कहा कि जिला पंचायत उपाध्यक्षों को भी पूर्व की भांति राज्य मंत्री का दर्जा वापस दिया जाए, जिला पंचायत उपाध्यक्षों को संपूर्ण कार्य क्षेत्र में विकास करने के लिए 2.50 करोड़ की वार्षिक विकास निधि प्रदान की जाए, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष को जिला योजना समिति का सदस्य माना जाए तथा जिला पंचायत खनिज प्रतिष्ठान मद में भी सदस्य माना जाए, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मासिक मानदेय एवं क्षेत्रीय भ्रमण और अन्य भत्ते मिलाकर 75000 किया जाए, जिला पंचायत उपाध्यक्ष को जिला मुख्यालय में जिला पंचायत अध्यक्षों की तरह आवास सुविधा और कार्य की दृष्टि से स्थायी निज सचिव प्रदान किया जाए, जिला पंचायत उपाध्यक्ष को क्षेत्र की जरूरत और नागरिक की सहायता हेतु 25000 की स्वैच्छिक सहायता निधि का प्रावधान किया जाए, जिला पंचायत उपाध्यक्ष को स्थाई समिति के सचिव का चरित्र प्रमाण पत्र लिखने का अधिकार भी प्रदान किया जाए, जिला पंचायत उपाध्यक्ष स्थाई समिति शिक्षा समिति का सभापति भी होता है इसलिए इस समिति के अंतर्गत आने वाले समस्त विभागों में कार्य जिले के अधिकारियों कर्मचारियों के स्थानांतरण, शाखा वितरण एवं प्रत्युक्ति में एवं प्रतिनियुक्ति में जिला पंचायत उपाध्यक्ष की अनुशंसा आवश्यक रूप से शामिल की जाए।
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