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मोहन कैबीनेट की किसानों को सौगात, समर्थन मूल्य के साथ बोनस

मध्यप्रदेश            Mar 11, 2024


मल्हार मीडिया भोपाल।

लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के किसानों को बड़ी सौगात दी है। सोमवार को सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी पर किसानों को प्रति क्विंटल पर 125 रुपये बोनस राशि देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा आयुष्मान कार्ड धारकों को एयर एंबुलेंस की सुविधा निशुल्क देने का भी फैसला किया गया।

कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों को गेहूं पर 2275 रुपये समर्थन मूल्य के साथ ही प्रति क्विंटल 125 रुपये बोनस देने का निर्णय लिया है। यानी राज्य सरकार 2400 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं खरीदेगी। साथ ही किसानों को खाद और उर्वरक की जरूरत को ध्यान में रखकर फिर से मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को नोडल एजेंसी घोषित किया है। उसमें 850 करोड़ रुपये की निशुल्क शासकीय प्रत्यावृति स्वीकृत की गई है।

जिला अस्पतालों में शव वाहन निशुल्क मिलेंगे

वहीं, सरकार ने प्रदेश के सभी जिला अस्पताल में नि:शुल्क शव वाहन रखने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इसे उपलब्ध कराने का अधिकार कलेक्टर और सीएमएचओ के पास रहेगा। इसके अलावा धर्मस्व विभाग और मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का कार्यालय सतपुड़ा से उज्जैन शिफ्ट करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

पीएम श्री एयर एंबुलेंस सेवा

कैबिनेट ने पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा को भी स्वीकृति दी है। इसमें एक हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज होगा। इसका लाभ आयुष्मान योजना के कार्डधारी मरीज को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। यदि कोई मरीज निजी अस्पताल में भर्ती होता है तो उसके लिए शुल्क रखा जाएगा। इसके शुल्क का निर्धारण जल्द किया जाएगा। इसकी सुविधा उपलब्ध कराने का अधिकार कलेक्टर और सीएमएचओ को दिया जाएगा।

जनजातीय समुदाय के घरों तक बिजली पहुंचाएगी सरकार

प्रधानमंत्री के जनजाति आदिवासी महाभियान के तहत ही प्रदेश में बैगा, सहरिया और भारिया अति पिछड़ी जनजातियों के घरों पर बिजली पहुंचाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकृति दी है। इसके लिए संबंधित तीन जनजातियों के लोगों के घरों तक बिजली पहुंचाई जाएगी। जंगल में रहने वाले जनजाति के लोगों के घरों पर सोलर एनर्जी के माध्यम से बिजली की व्यवस्था की जाएगी।

आईआईटी के सहयोग से इंजीनियरिंग कॉलेज होंगे हाईटेक

आईआईटी इंदौर ने देश के पहले डीप-टेक रिसर्च एंड डिस्कवरी सेंटर का शुभारंभ उज्जैन में किया है। इसके निर्माण पर करीब 237 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके अलावा सरकार ने आईआईटी इंदौर से प्रदेश के 6 इंजीनियरिंग कॉलेजों को हाईटेक करने मार्गदर्शन प्रदान करने अनुबंध किया है। ताकि इंजीनियरिंग कॉलेजों का स्तर आईआईटी तक ले जाया जा सके। इसमें लगने वाले खर्च की सरकार समय समय पर स्वीकृति प्रदान करेगी।

 13 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की स्वीकृति

प्रदेश के नए मेडिकल कॉलेज नीमच, मंदसौर, श्योपुर और सिंगरौली के भवन तैयार हो गए हैं। उनके संचालन के लिए उपकरण खरीदने सरकार ने फिर से करीब 1200 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है। इसके अलावा प्रदेश में मेडिकल कॉलेज के पास नर्सिंग कॉलेज खोलने की केंद्र समर्थित योजना को कैबिनेट ने स्वीकृति दी है। इसमें 13 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। इस पर करीब 192 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें केंद्र का भी अंश होगा।

इन प्रस्ताव को भी मंजूरी

- मध्य प्रदेश के नए लोकायुक्त जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की नियुक्ति के प्रस्ताव का अनुसमर्थन किया।

- प्रदेश में सभी सायबर तसहील शुरू करने के निर्णय के प्रस्ताव का अनुसमर्थन को स्वीकृति दी।

- उज्जैन में नवीन शासकीय मेडिकल कॉलेज और 100 बिस्तर का अस्पताल बनाने के लिए 592 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

- बिजली की भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए 800 मेगावॉट बिजली के लिए निजी एजेंसी से अनुबंध की स्वीकृति प्रदान की है। इससे प्रदेश सरकार को बिजली की उपलब्धता के साथ सस्ती बिजली भी मिलेगी।

- भोपाल के मुखर्जी नगर कोलार मार्ग 15 किमी के लिए 305 करोड़ रुपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इसमें रोड किनारे लाइट, नालियां और सौंदर्यीकरण का काम किया जाएगा।

- प्रदेश में समर्थन मूल्य पर विकेंद्रित योजना के तहत खाद्यान्न के उपार्जन सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य शासकीय योजना के संचालन के लिए कमी की पूर्ति के लिए नि:शुल्क शासकीय प्रत्यावर्ति की स्वीकृति दी गई है। यह 30 हजार करोड़ रुपये होगी। इसकी गारंटी कैबिनेट ने प्रदान की है।

लोकायुक्त पर उमंग सिंघार का बयान गलत

कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के निर्णय के बाद विपक्ष के नेता उमंग सिंघार के लोकायुक्त की नियुक्ति को अवैध बताने वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी। विजयवर्गीय ने कहा कि उमंग सिंघार का बयान गलत है, सीएम आवास से अधिकारी उनके पास पहुंचे थे। उन्हें इस बारे में जानकारी दी, लेकिन उन्होंने अपनी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी। मुख्यमंत्री और चीफ जस्टिस ने इस विषय पर अपनी राय दी थी। उमंग सिंघार से राय मांगी गई थी, लेकिन वह असहमत थे तो उन्हें लिख देना चाहिए था। वे यह गलत कह रहे हैं कि सरकार ने उनसे पूछा नहीं था।

 



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