महेश दीक्षित।
सरस्वती के वरदपुत्र और पत्रकारों के आदर्श राजेंद्र माथुर के प्रेस क्लब में पत्रकारिता शर्मशार होने से बच गई। पत्रकार कौम की लाज बच गई। इंदौर प्रेस क्लब के चुनाव में, जिसके परम आदरणीय राजेंद्र माथुर खुद अध्यछ रहे, को जिस तरह से पिछले एक महीने में कुछ धन पशुओं ने होर्डिंग्स, बैनर, दावतों, अय्याशी और शराबों का नंगा नाच कर कब्जाने की कोशिश की, उससे तो एक समय यह लगने लगा था कि, अब पत्रकार और पवित्र पत्रकारिता, तथाकथित पत्रकार या कहो पत्रकारिता को धंधा बनाने वाले धनपशुओं की ड्यूढी की रांड बनकर रह जाएगी।
प्रेस क्लब को हथियाने के लिए इन धन पशुओं ने पानी की तरह पैसा बहाया और करीब तीन करोड़ रूपए खर्च कर डाले। ये धनपशु किसी भी तरह से प्रेस क्लब पर कब्जा करना चाहते थे। लेकिन प्रेस क्लब के जागरूक पत्रकार सदस्यों ने आज प्रेस क्लब के चुनावी मैदान में क्रूर हुंकार भर रहे इन गैर पत्रकार धन पशु सदस्यों को शिकस्त देकर यह जता दिया कि, सरस्वती पुत्रों को धन पशु (धन के बल पर हुकूमत करने वाले) न आज शिकस्त दे पाए हैं और न कल दे पाएंगे। प्रेस क्लब के जागरूक सरस्वती पुत्र पत्रकार सदस्यों को साधुवाद। उत्कृष्ट पत्रकार-पत्रकारिता की जीत हुई, निकृष्ट की हार हुई। ढेर सारी बधाई।
Comments