मल्हार मीडिया ब्यूरो।
पत्रकारिता जोश और जुनून का काम है। इसे संतुलित और निष्पक्ष होना चाहिए। सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान ये कहा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को विशुद्ध खबरों में अपने विचारों को मिलाने से परहेज करना चाहिए। इसलिए संपादकीय पेज संपादकीय टिप्पणियों के लिए और खबरों का पन्ना खबरों के लिए ही होना चाहिए।
‘बिजनेस स्टैंडर्ड-सीमा नेजरेथ अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन प्रिंट जर्नलिज्म, 2016’ कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में प्रकाश जावड़ेकर ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हाल में मुझे ऐसी प्रवृत्ति देखने को मिली है जहां खबर का हर वाक्य तोड़-मरोड़कर लिखा गया, या फिर ‘पेड न्यूज’ प्रकाशित की गई।
उन्होंने कहा, मीडिया को आत्ममंथन की जरूरत है। मीडिया लोगों की नब्ज टटोलने के काम से दूर नहीं जा सकता। अगर मीडिया लोगों की नब्ज नहीं पकड़ पाए तो फिर यह अप्रासंगिक हो जाएगा। फिर लोगों के पास अपने स्रोत होंगे।
नोटबंदी को एक सफल कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं ने तो इसकी आलोचना बंद कर दी है लेकिन मीडिया इस स्थिति को स्वीकार नहीं कर रहा है।
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