पत्रकारिता में कॉरर्पोरेट के प्रवेश से विश्वसनीयता हुई कम:आनंद बहादुर

मीडिया, वीथिका            Aug 13, 2015


वाराणसी से अवनिन्द्र कुमार सिंह पत्रकारिता के गिरते स्तर के लिए मीडिया हाउसों के मालिक जिम्मेदार हैं। अखबारों और चैनेलो पर समाचार के प्रकाशन और प्रसारण में अब पत्रकारो की सहभागिता कम हो गयी है। यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार एवं 'सन्मार्ग' समाचार पत्र के संपादक आनंद बहादुर सिंह का। 84 वर्षीय श्री बहादुर सिंह राजा टोडरमल के वंशज हैं और सन् 1964 से सन्यासी करपात्री महाराज के समाचार पत्र सन्मार्ग का संपादन कर रहे हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में 51 सालों का सफर पूरा कर चुके श्री सिंह वर्तमान में मीडिया हाडसों में मालिकों के दखल से चिंतित हैं। वे कहते हैं कि देश की आजादी में बड़ी भूमिका निभाने वाले चौथे स्तम्भ को अब मीडिया मालिकों ने अब व्यवसाय बना लिया है। देशहित और जनहित के समाचारों को विज्ञापन से तौला जाने लगा है। समाज में अनैतिक कार्य करने वाले लोग समाचार पत्रों और चैनलों को विज्ञापन भेजकर खुद को महफूज समझते हैं और जनता और समाज से खिलवाड करते हैं। श्री बहादुर ने आगे कहा कि सिस्टम और समाज में हो रहे अनैतिक कार्य को जनता तक पहुंचाने और सरकार की कुम्भकर्णी निद्रा तोड़ने के लिये मीडिया एक सशक्त माध्यम है लेकिन जब मीडिया का स्तर यदि इस हद तक गिरेगा तो एक बेहतर साफ—सुथरे समाज कल्पना करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में कारपोरेट की इंट्री होने से यह पेशा अपनी विश्वसनीयता खोता जा रहा है। कुछ पत्रकार भी अपना धर्म भूलकर दलाली में उतर गये हैं। थोडी सी आस इसलिये बाकी है कि कुछ पत्रकार अभी ऐसे हैं जो खुलकर लिखना-पढ़ना चाहते हैं लेकिन वह मीडिया हाऊस के मालिको के हस्तक्षेप के कारण वह बंदिशों में जकड़े हुए हैं। यह उनकी पेशेगत और रोजी—रोटी की मजबूरी भी है। श्री सिंह कहते हैं कि केंद्र सरकार को मीडिया जगत में अनैतिक कार्यो में लिप्त और भ्रष्टाचारियों को आने से रोकना चाहिए यदि ऐसा नहीं होता है तो यह देश और समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।


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