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युवा पत्रकारों को नकारात्मक कहने वाले बीईए के नेता एन के सिंह फर्जी खबरों पर चुप क्यों हैं?

मीडिया            Sep 23, 2016


yashwant-singh-bhadasयशवंत सिंह। 7 साल से झेल रहे हैं भड़ास को, निगेटिव, निगेटिव और निगेटिव। कुछ पाँजटिव भी सोचिए।'' यह कहना था वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह जी का। उन्होंने यह बात कही थी भड़ास4मीडिया के आठवें स्थापना दिवस पर। इतना ही नहीं उन्होंने फसल बीमा योजना को बहुत लाभकारी बताते हुए कहा कि इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है, कितने लोग हैं जिन्होंने इसके बारे में कुछ लिखा हो। अब बीईए यानि ब्राडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन के नेता से भड़ास4मीडिया के संपादक ने उड़ी हमले को लेकर भारत—पाकिस्तान पर चल रही फर्जी खबरों को लेकर सवाल पूछा है। यह सवाल मेरा भी है। कि आखिर सकारात्मकता के पत्रकारिता में पैमाने क्या हैं? देश की भद्द पिटवाना झूठी खबरों से पत्रकारिता करना है तो मुझे एतराज है और शर्म है इस पत्रकारिता पर। यशवंत सिंह का पूरा आलेख पढ़ें,साथ में अन्य लिंक भी:- कहां हो एनके सिंह... बीईए यानि ब्राडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन के नेता... सकारात्मक सोच रखने वाले पत्रकार... कहां हो गुरु... देखो न तुम्हारे महान न्यूज चैनल क्या गंध फैलाए हैं.. हम कहेंगे लिखेंगे तो कहोगे कि आठ साल से झेल रहे हो भड़ास को... नकारात्मक भड़ास को झेल रहे हो... भाई, अपने चिरकुट चैनल वालों को समझा लो कि वो देश में नकारात्मक माहौल न फैलाएं... ये साले तुम्हारे चैनल वाले असल में रीयल प्रेस्टीट्यूट्स हैं... उन्हें न देश की चिंता और न समाज की... उन्हें तो टीआरपी चाहिए... उन्हें तो बिजनेस देखना है... और, गुरु, बुरा न मानना तुम इन रीयल प्रेस्टीट्यूट्स के नेता हो... पूछना पड़ेगा कि तुम्हें कितना देते हैं ये सब ताकि उनका प्रवक्ता बन उनकी रक्षा के लिए हर जगह हर समय नए नए तर्क खोजते रहो... मैं नहीं कहना चाहता था तुमसे कुछ... लेकिन तुम्हारे चरम पतन ने मुंह खोलने पर मजबूर कर दिया है... सच में, तुम कारपोरेट और बाजारू मीडिया के असल प्रवक्ता हो... यही कारण है कि तुम्हारे अलावा कोई कारपोरेट और बाजारू मीडिया का संपादक सामने नहीं आता क्योंकि उसके पास बोलने, सफाई देने के लिए कुछ होता नहीं... वह तुम्हीं को सबकी तरफ से आगे कर देता है और तुम हो कि उनकी रक्षा में अपने सारे करियर, अपने सारे सरोकार और अपनी सारी सोच को दांव पर लगा देते हो... हम जब इस पर कुछ सवाल उठाते हो तो कहते हो कि हम लोग बड़े उद्दंड हैं... हम लोग बड़े नकारात्मक हैं... हम लोग विध्वसंक हैं... देख लो, विध्वंस कौन फैला रहा है... तुम्हारे चैनल वाले या हम लोग... हम लोग तो तुम्हारे बेहया वेश्या चैनल वालों की कालर पकड़ कर बस औकात में रहने के लिए कह रहे हैं... और तुम हो कि हम लोगों की ऐसी बातों कामों से घबरा कर हमें ही सुधारने की बात करने लगते हो.... पहले अपने दल्ले और बिकाऊ न्यूज चैनल वालों को समझाओ, उनको पत्रकारिता सिखाओ, उनके मीडिया संस्थानों व स्कूलों में काम करने वाले, पढ़ने वाले बच्चों को पत्रकारिता का ककहरा सिखाओ, फिर आना बताना पढ़ाना हम लोगों को असल पत्रकारिता और सकारात्मक पत्रकारिता का पाठ... एनके सिंह जी, एक प्रेस रिलीज तो जारी कर दो, एक एडवाइजरी तो जारी कर दो चैनलों के लिए... कि युद्ध के पहले वे लोग युद्ध न कराएं.... फर्जी खबरों और घटिया ब्रेकिंग न्यूज से देशवासियों को न बहकाएं.... एनके सिंह जी... जब कहिएगा, आमने सामने आपसे बहस के लिए तैयार हूं... अगर आपको कारपोरेट और करप्ट मुख्य धारा की मीडिया का प्रवक्ता साबित कर दिया तो आप पत्रकारिता से संन्यास ले लेना और आप अगर हमें नकारात्मक सोच रखने वाला पत्रकार साबित कर दें मैं भड़ास बंद कर दूंगा... लेकिन यह बहस उसी कांस्टीट्यूशन क्लब में होगी जिसमें आपने अपने न्यूज चैनल वालों का बचाव कर उन पर सवाल उठाने वालों को नकारात्मक सोच रखने वाला करार दिया था.. उस बहस में देश भर के लोगों को बुलाया जाएगा... एनके सिंह साहब.... अब दौर लिहाज करने का नहीं रह गया है... देश और समाज के हालात ऐसे हैं कि सच को सच कहने के लिए अगर कुछ लोगों से रिश्ते खराब भी करने को मजबूर होना पड़े तो हम खुशी खुशी यह काम कर लेंगे... उम्मीद है आपका जवाब आएगा... ..... ये लिंक एनके सिंह को पढ़ना चाहिए और सोचना चाहिए कि उनके प्यारे दुलारे बेचारे न्यूज चैनल आजकल कौन-सा गेम खेल खिला रहे हैं.... http://www.bhadas4media.com/tv/10782-yuddh-se-pahle-yuddh http://www.bhadas4media.com/tv/10779-hamid-meer http://www.bhadas4media.com/…/10778-the-quint-ki-jhoothi-kh… http://www.bhadas4media.com/tv/10777-milind-ki-khabar ये लिंक है एनके सिंह को लेकर जिन्होंने मीडिया पर सवाल उठाने वालों को नकारात्मकता से भरा बताया था... आखिर चाहते क्या हैं एन के सिंह?


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