इसके पूर्व संग्रहालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'महामानव गांधी का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया। किताब में गांधी पर केन्द्रित आलेखों के साथ ही गांधी जी पर विभिन्न विचारकों द्वारा की गई टिप्पणियां और गांधी जी की टिप्पणियों का संग्रह किया गया है, जो गांधी को समग्र रूप से समझने में सहायक हैं।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में समाज चिंतक किशन पंत को मित्र श्रेष्ठ सम्मान से सम्मानित किया गया। उन पर केन्द्रित किताब 'अपने-अपने किशन पंत तथा लोक संस्कृति मर्मज्ञ वसंत निरगुणे की पुस्तक 'जनजातीय संस्कृति का विमोचन भी हुआ। आ
कार्यक्रम के आरंभ में संग्रहालय के संस्थापक निदेशक विजय दत्त श्रीधर ने आयोजन के उद्येश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चंपारण सत्याग्रह भारत में गांधी का पहला कदम था उसके सौ वर्ष पूरे होने जा रहे हैं तथा गांधी आज की आवश्यकता हैं। उनके विचार लोगों तक पहुंचे इस मंशा से दो दिनी इस विमर्श का आयोजन किया गया।
अंत में आभार प्रदर्शन संग्रहालय के उपाध्यक्ष प्रो. रत्नेश ने किया तथा संचालन राकेश पाठक ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्धजन मौजूद रहे।
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