सेना से अधिक युद्ध तो इलेक्ट्रानिक मीडिया ने छेड़ रखा है

मीडिया            Oct 04, 2016


आशीष सागर। सेना से अधिक युद्ध तो इलेक्ट्रानिक मीडिया ने छेड़ रखा है ! 'समाचार प्लस,जी मीडिया,न्यूज़ 24 और इंडिया टीवी ' वालों गाँव - गिरांव, खेत - खलिहान में तो अपना स्ट्रिंगर तभी भेजते हो जब चुनाव आते है ! किसान आत्महत्या हो जावे या किसी वीआईपी की दस्तक होनी हो ! या फिर घास की रोटी का ट्रायल चलना हो ! बाकि तो आपके स्ट्रिंगर कैमरा और माईक आईडी लिए ग्राम प्रधान,बालू और झोला-छाप से रंगदारी ही वसूलते है ! अब तो एमआर भी आपके खबरिये हैं ! गाड़ी चैनल की और धंधा ड्रग / दवा का !....कहते हो पाकिस्तान समर्थित चीनी समान का बहिस्कार करो अब जरा उन सामानों का विवरण भी बतला दो जो तुम्हारे दफ्तर,घर - निजी जीवन में चीनी बगैर सजता / उपयोग होता है !....मुझे ये सरहद का युद्ध दो देशों से अधिक यूपी चुनाव - पंजाब चुनाव और सियासी गोट लगता है ! सेना का राजनीतिक फायदा लेकर वोट तो ले सकते हो लेकिन वतन परस्त नहीं बन पाओगे ! ...ध्यान रखिये चीनी खाकर शुगर होता है उसके निदान में आपको कैरैला खाना पड़ेगा ! इसलिए पहले इतना सक्षम हो जाओ तकनीकी में बाद में कहो !...एक सर्जिकल स्ट्राइक चीन की तरफ भी करों ! जो देश पिछले 68 बरस में अपना सर्वर नहीं बना सका वो आगे की जुगाली करता है !...अगर इस देश का युवा अपने हुनर को चमकाने परदेश न जावे तो उसका ज्ञान जंग लग जाता है ! ...चीन के समान को बाहर किया तो यहाँ के त्यौहार जगमग कैसे होंगे ! कहे से सरसों के तेल / घी का दिया जला पाना तो अब सामान्य आदमी के बस में नहीं ! हाँ ये अलग बात है छद्म आस्था के नाम पर चंदागिरी से हम करोड़ों एक जिले में फूंकते है ! #वसुधैवकुटुम्बकम फेसबुक वॉल से।


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