CPI-ML के मुखपत्र की एडीटर्स ने सोशल मीडिया पर छेड़ फ्री सेक्स पर बहस

मीडिया, वामा            May 17, 2016


मल्हार मीडिया डेस्क। सोशल मीडिया पर CPI-ML के मुखपत्र ‘लिबरेशन’ की एडिटर कविता कृष्‍णन और उनकी मां लक्ष्मी कृष्णन ने ‘फ्री-सेक्स’ को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। यह बहस महिला के अधिकारों और सहमति से सेक्स को लेकर है। दरअसल यह बहस तब और तेज हो गई एक यूजर ने इस पर कमेंट कर दिया। दरअसल हुआ यूं कि, फेसबुक पर ‘द स्पॉइल्ट मॉडर्न इंडियन वुमन’ एक पेज है, जिसने 28 अप्रैल को कविता कृष्णन को कोट करते हुए एक पोस्ट लगाई। इस पोस्ट में लिखा था कि किस तरह एक टीवी डिबेट में सुब्रमण्यम स्वामी ने कविता कृष्णन को एक नक्सलवादी कहते हुए एक ‘फ्री सेक्स’ करने वाली औरत कहा था। ‘नारीवादी इस पहल का मकसद लिंग आधारित छवि को तोड़ना है।’ कविता कृष्‍णन ने अपने फेसबुक पेज पर यह कोट किया और इसके साथ ही ‘फ्री सेक्‍स’ को लेकर बहस शुरू की। kavita-krishnan-editor गौरतलब है कि कविता ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव विमेंस असोसिएशन की अध्यक्ष हैं और एक विमेंस राइट्स और दलित एक्टिविस्ट भी हैं। हालांकि इस पोस्ट पर जीएम दास नामक एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा कि अपनी मां और बेटी से पूछें कि उन्होंने कभी ‘फ्री सेक्स’ किया है या नहीं? इसके जवाब में कविता कृष्णन ने लिखा, ‘ऐसे लोगों पर सिर्फ तरस खाया जा सकता है जो मर्जी से सेक्स करने को अश्लील या गलत मानते हैं! अपने अगले जवाब में कविता ने कहा, ‘हां, मेरी मां ने ‘फ्री सेक्स’ किया है। उम्मीद है आपकी मां ने भी किया होगा, क्योंकि अगर औरत ‘फ्री’ नहीं, तो वो सेक्स नहीं, बल्कि रेप होगा। जान लीजिए।’ हालांकि इसके बाद उसी यूजर को जवाब देने के लिए कविता की मां लक्ष्मी कृष्णन भी फेसबुक पर आ गईं और पोस्ट किया, ‘हाय GM Das! मैं कविता की मां हूं! हां मैंने फ्री-सेक्स किया और मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने अपनी मर्जी से अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ किया! और मैं हर उस लड़की के लिए लड़ती रहूंगी जो अपनी मर्जी से सेक्स संबंध बनाना चाहती है, ऐसे संबंध जो ‘फ्री’ हों, जबरन न हों।’ मां और बेटी की इस मुहिम का कई लोगों ने समर्थन किया है और उनकी पोस्‍ट को 600 लाइक्‍स और 30 शेयर मिले हैं। s4m


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