ममता यादव।
मध्यप्रदेश में पत्रकारों का एक खास वर्ग कांग्रेस सरकार में ठीक वैसे ही खामोश है जैसे भाजपा सरकार में एक और वर्ग चुप्पी ओढ़े बैठा रहता था।
ये एलीट क्लास चुप्पीदार पत्रकार वर्ग वो वर्ग है जो हर सरकार में नवाजिशें पाता है मगर दूसरों को ईमानदारी की पत्रकारिता का पाठ पढ़ाता रहता है।
बस इनका काम एक ही है जो पत्रकार अपना काम ईमानदारी से चला रहे हों उसे रोका कैसे जाए?
इन्हें गुमान होता है कि ये मध्यप्रदेश की पत्रकारिता को हांकने की ताब रखते हैं। पर ये गलतफहमी इनकी कई-कई बार दूर हो जाती है।
ये पार्टी कार्यालयों और सरकारी दफ्तरों में बैठकर दूसरे पत्रकारों का बखान करते हैं। इन्हें दूसरों की थाली हमेशा भरी लगती है।
इन्हें बस खुद की कमाई एक नम्बर लगती है बाकी पत्रकार बस ऐसे ही हैं। नेताओं की तरह इनके भी लगुये भगुए अनुयायी हैं जो इनके आदेश पालन के लिये एक पैर पर खड़े रहते हैं।
इन अनुयायियों का खुद का कुछ नहीं होता न ही अपनी पहचान। कांग्रेस जो आज ये बहुत अच्छे से मान बैठी है कि छोटे समाचार पत्र और पोर्टल, स्वतंत्र पत्रकार बेईमान, चोर और कारपोरेट मीडिया ईमानदार इस धारणा को जन्म देने और मजबूत बनाने में भी इस एलीट क्लास ने महत्वपूर्ण भूमिका ईमानदारी से निभाई है।
अपने गिरेबानों में झांकना कब शुरू करेंगे। अपनी तो जैसे तैसे कट जाएगी....!
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