राकेश कायस्थ।
बोफोर्स घोटाले का पर्दाफाश करने वाले दो सबसे बड़े पत्रकार अरुण शौरी और एन.राम थे। उस वक्त ये दोनों लोग नेशनल हीरो हुआ करते थे।
राफेल घोटाले को भी सबसे जोर-शोर से उठाने वालों में यही दोनों लोग शामिल हैं।
एन. राम ने तथ्यों के सहारे यह साबित किया है कि अगर राफेल मामले में किसी ने बिचौलिये की भूमिका निभाई तो वह कोई और नहीं बल्कि सीधे-सीधे देश के प्रधानमंत्री थे।
अरूण शौरी की हैसियत पूर्व पत्रकार और पूर्व राजनेता की है। लेकिन राफेल की जांच को लेकर वे अदालत तक गये और बहुत से तथ्य रखे।
ये बातें पब्लिक डोमेन में हैं, जो भी देखना और समझना चाहे समझ सकता है।
लेकिन क्या राफेल को लेकर उस तरह से राष्ट्रीय बहस हो पा रही है, जैसी बोफोर्स को लेकर हुई थी?
कांग्रेस कितना भी जोर लगाये लेकिन सच है कि राफेल आज की तारीख में भी कोई बड़ा चुनावी मुद्दा नहीं है।
नेशनल मीडिया घनघोर रूप से पक्षपाती है और करपशन से अब इस देश की जनता को कोई खास फर्क नहीं पड़ता है।
फेसबुक वॉल से।
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