ममता मल्हार।
आमतौर पर जब सरकारों का बजट पेश होता है तो उसके बाद विभागवार बजट की कॉपी सदन के सदस्यों सहित पत्रकारों को भी दी जाती है।
बजट हार्डकॉपी में होने की वजह से काफी वजनदार भी होता है लेकिन पत्रकारीय कार्यव्यवहार की मजबूरी और खबरों को तथ्यात्मक आंकड़ों के साथ पेश करने की जवाबदेही के कारण पत्रकारों को बजट लेना ही होता है।
लेकिन इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा में आज बुधवार 1 मार्च को बजट पेश होने के बाद अलग ही नजारा था। इस बार पत्रकार बजट की हार्डकॉपी के लिए बेचैन नहीं थे।
न ही रस्सी धागे बजट कॉपी बांधने के लिए खोज रहे थे क्योंकि इस बार बजट की कॉपी उन्हें डिजीटल फार्मेट यानी पेन ड्राईव में मिलने वाली थी।
क्योंकि इस बार मध्यप्रदेश सरकार ने पेपरलैस ई-बजट पेश किया। हालांकि इस बजट को अभी फुल पेपरलैस बजट कहना अतिशंयोक्ति होगी क्योंकि विधायकों को टेबलेट बजट पेश होने के बाद दिए गए। लिहाजा बजट भाषण की हार्डकॉपी में ही सदस्यों के हाथ में नजर आया।
सदन में के भीतर वित्त मंत्री जगदीशी देवड़ा ने बजट भाषण टेबलेट पर पढ़ा। उनके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी टैबलेट पर बजट को भाषण के दौरान देख रहे थे।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में इस बार ई-बजट पेश करने की शुरूआत कर दी गई है। हालांकि विपक्ष बजट के इस फार्मेट का विरोध कर रहा था लेकिन कोई वाजिब तर्क सामने नहीं आ पाया।
बहरहाल पेपरलैस बजट होने से पत्रकारों का बोझ अब कम हो गया। वरना 69 विभागों के बजट की हार्डकॉपी ले जाना होती थी।
हालांकि विधानसभा दिया गया डिजीटल फार्मेट की बजट कॉपी एक चिप / मेमोरी कार्ड में है जिसे पेनड्राईव कहा जा रहा था।
उम्मीद है अगली बार बजट फुल पेपरलैस होगा। फिलहाल मीडियाकर्मी बजट की कॉपी के नए फार्मेट से खुश हैं।
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