विजय मनोहर और विनय उपाध्याय का सप्रे संग्रहालय में हुआ सम्मान

मीडिया            May 30, 2017


मल्हार मीडिया।
आज का पत्रकार सिर्फ सनसनी या चौंकाने वाली हेडलाइंस की तलाश में ही रहता है। जबकि पत्रकारिता में सकारात्मकता के लिए भी जगह होनी चाहिए। इस आशय के विचार आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित माधवराव सप्रे संग्रहालय के सभागार में सुनाई दिए। मौका था हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार समारोह का। कार्यक्रम में जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे, जबकि अध्यक्षता सुधि साहित्यकार एवं मप्र के प्रधान आयकर आयुक्त डॉ. राकेश कुमार पालीवाल कर रहे थे। कार्यक्रम में यायावर पत्रकार विजय मनोहर तिवारी को माधवराव सप्रे पुरस्कार तथा सुप्रसिद्ध कला समीक्षक विनय उपाध्याय को महेश सृजन सम्मान से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि तमाम गतिरोध, अवरोध के बाद भी पत्रकारिता अपने दायित्व को निभा रही है। इन युवा पत्रकारों का सम्मान इस बात का परिचायक है। उन्होंने सप्रे संग्रहालय द्वारा बौद्धिक धरोहर के संग्रहण तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार एवं प्रधान आयकर निदेशक डॉ. राकेश पालीवाल ने कहा कि आज का पत्रकार सनसनी फैलाने वाली खबरों की तरफ भाग रहा है, लेकिन अखबारों में सकारात्मक समाचारों के लिए भी जगह होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आज भले ही समाज के हर क्षेत्र में गिरावट हो रही हो, लेकिन कुछ क्षेत्र जैसे- चिकित्सा,शिक्षा और पत्रकारिता से समाज आदर्शों की अपेक्षा रखता है। नई पीढ़ी के पत्रकार इस बात को ध्यान में रखें। डॉ. पालीवाल ने कहा कि पत्रकारिता को जिस तरह लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है उसी तरह वह समाज सेवा का स्तंभ भी बने।

अपने सम्मान के प्रति उत्तर में विजय मनोहर तिवारी ने अपनी यायावरी पत्रकारिता के संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि किसी नकारात्मक खबर को भी पाठक सकारात्मक पहल का आधार बना सकता है। इस क्रम में उन्होंने महाराष्ट्र की एक ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा किए गए प्रयासों का विशेष उल्लेख किया। इसी कड़ी में सांस्कृतिक पत्रकार विनय उपाध्याय का कहना था कि हिन्दी पत्रकारिता का उद्भव ही सांस्कृतिक पत्रकारिता से है।

उन्होंने भी समाचार पत्रों में सांस्कृतिक खबरों को पर्याप्त महत्व दिलाने के अपने प्रयासों का उल्लेख भी किया, साथ ही मीडिया में आज इन खबरों को उतना स्थान नहीं दिए जाने की प्रवृत्ति पर भी चिंता जताई। इसके पूर्व लब्ध प्रतिष्ठित पत्रकार यशवंत अरगरे पर केन्द्रित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इस पुस्तक का संपादन वरिष्ठ पत्रकार चंद्रहास शुक्ल ने किया है।

आरंभ में सप्रे संग्रहालय के संस्थापक निदेशक पद्मश्री विजय दत्त श्रीधर ने संग्रहालय की आगामी गतिविधियों का ब्यौरा देते हुए बताया कि संग्रहालय आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी और गंगाप्रसाद ठाकुर के नाम पर युवा पत्रकारों को फैलोशिप देने जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश के पत्रकारों,जनसपंर्क कर्मियों तथा मीडिया शिक्षकों को डाटा बेस भी तैयार करने जा रहा है।

इसी तरह पत्रकारों के बीच आपसी रिश्तों की मजबूती के लिए भी विभिन्न प्रयास किए जाएंगे। सम्मानित विभूतियों का प्रशस्ति वाचन संग्रहालय की निदेशक डॉ. मंगला अनुजा ने किया। संचालन संग्रहालय के अध्यक्ष राकेश पाठक ने किया तथा आभार उपाध्यक्ष राकेश दीक्षित ने प्रदर्शित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्धजन मौजूद थे।



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