अरविंद तिवारी।
अभय प्रशाल के बाद शहर को एक और ऐसी सौगात देने के लिए जिसका मध्यप्रदेश क्षेत्र के वाशिंदों को लंबे समय से इंतजार था। सालों पहले जब आपने इंदौर टेबल टेनिस ट्रस्ट के माध्यम से शहर को एक इंडोर स्टेडियम देने का बीड़ा उठाया था, तब कइयों को यह भरोसा ही नहीं था कि दिल्ली के इंद्रप्रस्थ इंडोर स्टेडियम और कोलकाता के नेताजी सुभाष इंडोर स्टेडियम जैसा ही कोई इंडोर स्टेडियम इंदौर में भी बन पाएगा। तमाम आरोपों को झेलते हुए भी आखिरकार आप शहर को अभय प्रशाल के रूप में इंडोर खेलों के लिए एक स्टेडियम देने में कामयाब हुए थे। यह स्टेडियम आज शहर की पहचान बन चुका है। यहां टेबल टेनिस ही नहीं कई खेलों की राष्ट्रीय स्पर्धाएं भी हो रही हैं और विभिन्न सांस्कृतिक एवं सामाजिक आयोजन भी।
अब 'लाभ-मण्डपम' के रूप में आपके अथक प्रयासों से एक हजार सीटर का एक अत्याधुनिक ऑडिटोरियम शहर को मिल रहा है। 8 फरवरी को आचार्य महामंडलेश्वर जूनापीठाधिश्वर अवधेशानंद गिरिजी महाराज के चरण पडऩे के बाद इसका श्रीगणेश हो जाएगा। इस सौगात का इंतजार हमें लम्बे समय से था। रवीन्द्र नाट्यग्रह की अपनी सीमाएं हैं, आनंद मोहन माथुर सभागार शहर के जिस हिस्से में है, वहां पहुंचना हर आदमी के बस की बात नहीं है। इंदौर विकास प्राधिकरण ने पश्चिम क्षेत्र में जो ऑडिटोरियम बनाया है वह पूरा होने के बाद एक क्षेत्र विशेष के लिए ही सुविधाजनक रहेगा। यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम और माई मंगेशकर सभागार की भी अपनी सीमाएं हैं। पिछले दो साल में आपने अपनी टीम के साथ रात-दिन एक कर टेबल टेनिस क्लब के ऊपर जिस तरह से इस सुसज्जित ऑडिटोरियम को आकार दिया है, वह आपकी नेतृत्व क्षमता और टीम वर्क का बेहतरीन उदाहरण है। 80 प्लस के क्लब में आने के बाद भी जो जज्बा आपमें है, वह अतुलनीय है।
अभय जी यह ऑडिटोरियम इस शहर को आपकी एक बड़ी सौगात है। हम आपसे यह भी अपेक्षा करते हैं कि जब भी कमर्शियल आयोजन से हटकर कोई परफार्मिंग आर्ट्स पर या शहर व समाज के हित में कोई आयोजन इस सभागार में करना चाहेगा, आप अपनी सीमाओं में उसे कुछ रियायत जरूर देंगे। बेशक इतने बड़े ऑडिटोरियम का रख-रखाब व संचालन अपने आप में एक बड़ी चुनौती है, लेकिन इस शहर का भी आप पर कुछ अधिकार है और हमें उम्मीद है कि आप हमारे साथ भी न्याय जरूर करेंगे। पुन: शहर को एक अद्भुत सौगात देने के लिए आपके प्रति कृतज्ञता ज्ञापत करते हैं।
फेसबुक वॉल से।
Comments