मल्हार मीडिया डेस्क।
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 150वें स्थापना दिवस के समापन समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने न्यायपालिका और कार्यपालिका में चल रहे टकराव को बेवजह बताया। कहा कि कोई टकराव नहीं है। ये महज कुछ लोगों के प्रवचन हैं। उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक देश में देश की मालिक जनता है और संविधान इसका गाइड।
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 150वें स्थापना दिवस के समापन समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने न्यायपालिका और कार्यपालिका में चल रहे टकराव को बेवजह बताया। कहा कि कोई टकराव नहीं है। ये महज कुछ लोगों के प्रवचन हैं। उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक देश में देश की मालिक जनता है और संविधान इसका गाइड। यह देश संविधान के मुताबिक जनता की इच्छा से चलेगा। इस व्यवस्था में काम करने वाले लोग जनता के सेवक हैं। कोई यहां किसी को धमका नहीं सकता।
शनिवार को हाईकोर्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस देश की चिंता सबसे अधिक लंबित वादों को लेकर है। उन्होंने कहा कि एक प्रजातांत्रिक देश में 15-20 साल से केस लंबित हैं, यह सही नहीं है। कहा कि देश में इस से कुल चार करोड़, 90 लाख केस लंबित हैं। जब उन्होंने कानून मंत्री का दायित्व संभाला था तो यह संख्या 60 लाख कम थी।
हाईकोर्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि देश में इस से कुल चार करोड़, 90 लाख केस लंबित है। जब उन्होंने
उन्होंने कहा कि वादों के निस्तारण के बावजूद इसकी संख्या बढ़ती जा रही है, क्योंकि निस्तारण के मुकाबले दोगुने केस फाइल हो रहे हैं। ऐसे में सरकार, न्यायपालिका के सामने यह बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा कि सरकार लंबित वादों को कम करने के लिए चिंतित है। कई आयामों पर काम कर रही है। सबसे अधिक तकनीकी के व्यापक इस्तेमाल पर काम किया जा रहा है। इसी के तहत ई-कोट्र्स के लिए बजट में सात हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इससे न्याय व्यवस्था और बेहतर होगी। मीडिएशन बिल का प्रारूप व विधि शब्दकोश तैयार
रिजिजू ने कहा कि सरकार मीडिएशन बिल लाने को तैयार है। वह अभी इसका कोई समय नहीं बता सकते, लेकिन इसका प्रारूप तैयार हो चुका है। नालसा के माध्यम से कम्युनिटी सेंटर्स के जरिये वादों के पूर्व ही मामलों को हल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 65 हजार शब्दों का एक विधि शब्दकोश भी तैयार कर लिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले दिए जाने, दिन-प्रतिदिन काम किए जाने की भी वकालत की। कहा कि सरकार 1486 कानूनों को समाप्त कर चुकी है। 65 और खत्म करने की तैयारी में है।
इस दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ऐतिहासिक विरासत का बखान करते हुए उस परंपरा को बनाए रखने का आह्वान किया। कहा कि गरीबों को न्याय दिलाने में वकीलों को फीस की चिंता नहीं करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने हाईकोर्ट में जजों के खाली पद और यहां लाइब्रेरी की मांग को भी पूरा करने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और वरिष्ठï न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने भी विचार व्यक्त किए।
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