मल्हार मीडिया ब्यूरो।
यात्री विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया में प्रस्तावित विनिवेश कार्यक्रम अभिरुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) की शर्तो के कारण विफल होने पर इसके बंद होने की आशंका जताई जा रही है। विमानन सलाहकार फर्म सीएपीए इंडिया के मुताबिक, विनिवेश प्रक्रिया की सफलता के लिए केंद्र सरकार के सामने श्रम व कर्ज की दशाओं में सुधार नाजुक स्थिति में है।
सीएपीए ने एक ट्वीट में एयर इंडिया के विनिवेश की राह में अड़चनों का जिक्र करते हुए कहा कि खासतौर से श्रम व कर्ज को लेकर ईओआई की शर्तो के अनुसार सफल बोलीदाता रिस्ट्रक्चरिंग में निवेश करना होगा और कई सालों का घाटा उठाना पड़ेगा।
सीएपीए ने कहा कि जब तक बोलीदाता को सफल होने की सूरत में राजनीतिक खतरों से उनके बचाव की गारंटी का भरोसा नहीं दिया जाएगा तब तक किसी के इसमें शामिल नहीं होने का एक प्रमुख कारण होगा।
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