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भाकियू पीछे हटा, दूसरा पक्ष आंदोलन पर अड़ा

राष्ट्रीय            Dec 06, 2024


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

10 फीसदी भूखंड देने समेत मांगों को लेकर दस संगठनों के दिल्ली कूच के आंदोलन को लेकर किसानों में दो फाड हो गए है। भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने लाइव आकर सोशल मीडिया पर दिल्ली कूच न करने की बात कही है।

वहीं नौ संगठन अभी भी दिल्ली कूच कर गिरफ्तारी देने में लगे है। शुक्रवार को भी परी चौक पर पचास से अधिक किसान और महिलाओं को दिल्ली कूच करने के प्रयास में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

संयुक्त किसान मोर्चा के आहवान पर 25 नवंबर को दस किसान संगठनों ने ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के दफ्तर पर धरना देने के बाद दो दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया था। दो दिसंबर को दिल्ली कूच के चलते 123 किसानों को नोएडा से गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने तीन दिसंबर को यमुना के जीरो पाइंट पर पंचायत बुलाई। जिसमें शामिल होने के लिए आने के दौरान टप्पल में उनको रोककर बैठा लिया था। पंचायत के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत का इंतजार होता रहा, लेकिन वे नहीं पहुंच पाए।

पंचायत होने के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों ने पंचायत स्थल पर जेल गए किसानों को रिहा करने के बाद चार दिसंबर को पंचायत करके आगे के आंदोलन को लेकर फैसला लेने का ऐलान किया था। चार दिसंबर को देर रात में ही धरना स्थल पर मौजूद किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।

दोबारा से किसानों को जेल भेजने से नाराज किसान हर रोज दिल्ली कूच कर गिरफ्तारियां दे रहे है। शुक्रवार को भी परी चौक पर पचास से अधिक किसान और महिलाओं ने दिल्ली कूच करने का प्रयास किया। पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लुकसर जेल भेज दिया।

वहीं भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर कहा कि सरकार ने सात दिन में जांच करके अपनी रिपोर्ट देेने का भरोसा दिया था। सरकार ने वार्ता के रास्ता खोले गए। इंतजार करने का बात कही गई है।

वहीं दूसरी और मोर्चा के नौ किसान संगठनों ने गिरफ्तार किसानों को रिहा करने, 10 फीसदी भूखंड देने समेत मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया जा रहा है। किसान नेता हर रोज लाइव आकर दिल्ली कूच को लेकर अपने पदाधिकारियों को बयान दे रहे है।

 



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