मल्हार मीडिया ब्यूरो।
आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का संस्थापक व 2008 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद शुक्रवार को 10 महीने की नजरबंदी के बाद रिहा हो गया। रिहाई के फौरन बाद हाफिज सईद ने जम्मू एवं कश्मीर की 'आजादी' के लिए 'जिहाद' जारी रखने की बात कही। जोहार टाउन स्थित आवास के बाहर अपने समर्थकों को अपने संबोधन में जमात-उद-दावा (जेयूडी) नेता ने सरकार द्वारा उसे सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बताए जाने के तर्क को खारिज करने के लिए लाहौर उच्च न्यायालय को धन्यवाद दिया।
हाफिज सईद ने कहा कि उसकी रिहाई पाकिस्तान की जीत है।
सईद ने कहा, "जिस तरह से आज मैं आजाद हुआ हूं, कश्मीर भी एक दिन आजाद होगा।"
सईद ने कहा, "कश्मीर की वजह से भारत मेरे पीछे पड़ा है।"
सईद ने कहा, "मैं अल्लाह से दुआ करता करता हूं कि वह मुझे इतनी शक्ति दे कि हम कश्मीर की आजादी के लिए (भारत से) लड़ते रहें।"
सईद के घर के बाहर मध्य रात्रि से ही समर्थक जुटने लगे थे।
जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख पर आतंकी गतिविधियों में उसकी भूमिका के लिए अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा हुआ है। लाहौर उच्च न्यायालय के समीक्षा बोर्ड ने सरकार द्वारा हाफिज सईद को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बताने की दलील को खारिज करते हुए रिहा कर दिया।
सईद की नजरबंदी को बुधवार को एक अदालत ने समाप्त करने का फैसला दिया। अदालत ने यह फैसला सबूतों के अभाव की वजह से दिया। सईद को इस साल 30 जनवरी से नजरबंद रखा गया था और एक अदालत नियमित रूप से उसकी नजरबंदी का नवीनीकरण करती रही।
हाफिज सईद की नजरबंदी का आदेश गुरुवार की मध्यरात्रि को खत्म हो गया। इसके बाद अधिकारियों ने सईद के जोहार टाऊन स्थित आवास से जेल कर्मियों को हटा लिया।
जेयूडी के प्रवक्ता अहमद नदीम ने समाचार एजेंसी एफे न्यूज से कहा, "अब वह आजाद हैं व कहीं भी जा सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि पुलिस सईद के घर से मध्य रात्रि को चली गई।
अमेरिका व संयुक्त राष्ट्र ने जेयूडी को एक आतंकवादी समूह की श्रेणी में रखा है और इसे आतंकी संगठन एलईटी का प्रमुख जनसंगठन बताया है। एलईटी द्वारा 2008 में मुबंई पर किए गए हमलों में 166 भारतीय व विदेशी नागरिकों की मौत हुई थी।
भारत ने सईद की रिहाई की निंदा करते हुए कहा कि इससे पाकिस्तान बेनकाब हो गया है। इसने पुष्टि की है कि वहां की सरकार आतंकियों को सजा दिलाने के प्रति गंभीर नहीं है।
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