डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी।
स्त्री फिल्म 2018 में आई थी, अब उसका सीक्वल स्त्री 2 आया है। इसमें सिरकटे भूत और हसीन चुड़ैल से डर नहीं लगता, फिल्म के पात्रों की टेपापंथी और मूर्खताओं से हंसी आती है। स्त्री 2 फिल्म डराती कम है, हंसाती ज्यादा है। हॉलीवुड में हॉरर कॉमेडी फ़िल्में नहीं बनतीं, या तो डरो या हंसो! यह फ़िल्मी जॉनर केवल हिन्दी फिल्मों में ही देखने को मिलता है। सिरकटा भूत हॉल में बैठे दर्शकों को विस्मित करता है। यह नई टेक्नोलॉजी का कमाल है, जिसमें दर्शक रामसे ब्रदर्स को भूल जाते हैं।
पहले पार्ट में चंदेरी में एक हसीन चुड़ैल आई थी, जो मर्दों के लिए ख़ौफ़ थी, लेकिन वह एक सीधे-सादे दर्जी विक्की पर फिदा थी। इस फिल्म की शुरुआत वहीं से होती है, जहां स्त्री फिल्म खत्म हुई थी। चंदेरी में विक्की यानी राजकुमार राव, बिट्टू यानी अपारशक्ति खुराना और रूद्र तिवारी यानी पंकज त्रिपाठी अभी भी साथ है। वह स्त्री चली गई, तब से विक्की देवदास बना फिरता है। आज भी विक्की उस चुड़ैल के प्यार में पागल है। पूरे चंदेरी में उसके किस्से सुनाए जाते हैं, नाटक खेले जाते हैं। सत्यनारायण की कथा की तरह उसकी कथा सुनाई जाती है। बच्चे उसका नाम लेकर खेल खेलते हैं, एक दूसरे को डराते हैं लेकिन जंगल में विस्फोट के बाद चंदेरी में ऐसा भूत आया है जिसने लोगों का रहना दूभर कर दिया है। सिरकटा भूत लड़कियों को उठाकर ले जाता है और कहां ले जाता है यह बात किसी को पता नहीं। विक्की के बाप को चिंता है कि बेटे की शादी किससे होगी? उन्हें बेटे के अकेलेपन की चिंता हैं। बोलते हैं -''बेटा, वर्जिन तेल अच्छा होता है, वर्जिन मेल नहीं।"
अब चंदेरी के लोग भूत से डरे हुए हैं। भूत से बचाने के लिए विक्की एंड कंपनी के लोग चुड़ैल से रिक्वेस्ट करते हैं। चुड़ैल वापस आकर उन्हें ओब्लाइज करने को तैयार है, क्योंकि विक्की चंदेरी का मनीष मल्होत्रा है। बढ़िया घाघरे-ब्लाउज सिलता है। चुड़ैल का वह फेवरेट टेलर जो है ! चुड़ैल के कपड़ों का नाप लेने के लिए उसे इंची टेप की जरूरत नहीं पड़ती। अचरज होता है कि जो चुड़ैल जादू से असम्भव काम कर सकती है वह अपने लिए जादू से ड्रेस नहीं बना सकती!
स्त्री 2 में भूत और चुड़ैल दिखाने के लिए बढ़िया वीएफएक्स का उपयोग किया गया है और दर्शकों को लगातार हंसाने के लिए टेपापंथी वाले सीन और दो अर्थों वाले नरम-गरम संवाद हैं। फिल्म में अक्षय कुमार, वरुण धवन, तमन्ना भाटिया आदि के छोटे-छोटे रोल भी है।
यह फ़िल्म मध्यप्रदेश के खूबसूरत नगर चंदेरी की छवि धूमिल करती है, फिर भी इसमें मप्र पर्यटन का विज्ञापन किया गया है।
फिल्म टाइम पास मूंगफली की तरह है।
Comments