डॉ.प्रकाश हिंदुस्तानी।
नाम शबाना का केवल नाम ही अच्छा है। इसमें ज्यादातर कलाकार स्पेशल अपीयरेंस में है। अक्षय कुमार, अनुपम खेर, डेनी, मुरली शर्मा आदि प्रमुख कलाकार छोटे-छोटे से रोल में है। मनोज वाजपेयी का रोल थोड़ा बड़ा जरूर है, लेकिन बंदा लगभग पूरे रोल में टेलीफोन पर ही लगा रहता है। कुल मिलाकर बाजी रहती है तापसी पन्नू के हाथ में। पत्थर की मूर्ति जैसा उनका चेहरा और वीडियो गेम जैसे एक्शन दर्शकों को बांधकर नहीं रख पाते। कई लोग कहते है कि यह फिल्म बेबी का प्रीक्वल है। अगर यह बेबी भी है, तो अमेच्योर बेबी। ढाई घंटे की इस औसत फिल्म में चार गाने भी ठूूंसे गए है और प्रेम मोहब्बत के सीन भी। इसमें बदले की कहानी भी शामिल है। न तो कहानी में नयापन है, न कहानी के ट्रीटमेंट में।
फिल्म के कई दृश्य तार्किकता से परे है। स्पेशल टास्क फोर्स के एजेंट किसी को मारने जाते है और वहां उसे मारने के बजाय उससे कुश्ती लड़ने बैठ जाते है। सीधा सा टास्क है भाई, दुश्मन को मारना है, तुम्हारे पास बंदूक है और बीच में कोई बाधा नहीं है उठाओ बंदूक और मार दो गोली। फालतू की डायलागबाजी और कुश्ती लड़ने की क्या जरूरत? आप कोई हिन्द केसरी की कुश्ती लड़ने तो गए नहीं। ऐसे इस फिल्म में कई मौके आते है, जब आतंकियों को हथियार बेचने वाले गिरोह के सरगना को कोई भी आसानी से मार सकता है।
तापसी पन्नू इस फिल्म में शबाना के रोल में है। एसटीएफ की एजेंट बनी यह बहादुर बाला जहां कहीं पंâसती है, वहां अक्षय कुमार उसे बचाने पहुंच जाते हैं। समझ में नहीं आता कि फिल्म शबाना यानी तापसी पन्नू के ऊपर है या उसे बचाने वाले अजय सिंह राजपूत उर्फ अक्षय कुमार के बारे में। फिल्म में सलमान खान की भूतपूर्व गर्लफ्रेंड और बिग बॉस की कंटेन्सटेन्ट ऐली अवराम भी है, जो गेली सी भूमिका में है।
खबर थी कि प्रोडक्शन कंपनी इस फिल्म को बेबी-2 के नाम से बनाना चाहती थी। अच्छा ही हुआ, वरना यह फिल्म बेबी के भ्रूण के रूप में ही पहचानी जाती। तापसी पन्नू की कहानी ही कुछ ऐसी है कि उसमें मन के भावों को प्रकट करने की जरूरत नहीं थी, इसलिए तापसी पन्नू का पत्थर सा चेहरा धक जाता है। स्पेशल टास्क फोर्स और उसके एजेंट के नाम पर कर्नल रंजीत के उपन्यासों से भी बढ़कर तरह-तरह की फिल्में आ रही है। दक्षिण भारत के कलाकार पृथ्वीराज सुकुमारन खलनायक के रोल में है।
तापसी पन्नू इस फिल्म में एक्शन कुमारी के रोल में है। यह फिल्म तमिल और तेलुगु में भी रिलीज हो रही है, इसलिए दक्षिण भारत के कलाकार को खलनायक के रूप में लेना समझ में आता है। बेबी में तापसी पन्नु का रोल 15-20 मिनिट का था, इस फिल्म में अक्षय कुमार का रोल 15-20 मिनिट का है। दो साल पहले आई बेबी भी औसत फिल्म थी और यह फिल्म भी उससे आगे नहीं कही जा सकती।
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