ब्रजभूषण का टिकट काट बेटे करण को भाजपा ने मैदान में उतारा

राजनीति            May 02, 2024


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा प्रत्याशियों की एक और सूची जारी की है जिसमें,  कैसरगंज लोकसभा सीट पर बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटकर उन्हीं के बेटे करण भूषण सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया है।

बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कटने के पीछे कर्नाटक का प्रज्ज्वल रेवन्ना सेक्स कांड सबसे बड़ा कारण बना है। बृजभूषण शरण सिंह स्वयं ही महिला खिलाड़ियों के साथ यौन शोषण मामलों में आरोपी हैं। उन्हें अदालत से अब तक दोषी करार नहीं दिया गया है और इसी आधार पर वे अपनी दावेदारी भी कर रहे थे।

लेकिन अंतिम क्षणों में जिस तरह प्रज्जवल रेवन्ना का सेक्स कांड सामने आया है, उससे पूरा राजनीतिक माहौल गरमा गया। कांग्रेस इस मामले को लेकर पहले ही भाजपा पर हमलावर है। भाजपा बृजभूषण शरण सिंह को टिकट देती, तो कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए उस पर जोरदार हमला कर सकती थी। इससे बचने के लिए भाजपा ने बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटकर उनके बेटे को मैदान में उतार दिया।    

दरअसल, लंबे समय से इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा वर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट सकती है। पार्टी बृजभूषण शरण सिंह को टिकट देकर हरियाणा की दस लोकसभा सीटों पर जाट मतदाताओं की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती थी। लेकिन बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटकर वह राजपूत मतदाताओं की नाराजगी भी नहीं मोल लेना चाहती थी। पहले ही एक भाजपा नेता के विवादित बयानों के कारण राजपूत मतदाता कथित तौर पर भाजपा से चिढ़े हुए हैं।  बृजभूषण शरण सिंह का कैसरगंज-अयोध्या के आसपास की लगभग दस लोकसभा सीटों पर असर बताया जाता है। उनका टिकट काटकर भाजपा राजपूत समुदाय को नाराज करने का एक और कारण पैदा नहीं होने देना चाहती थी। यही कारण है कि नामांकन के अंतिम 24 घंटे का समय आ जाने के बाद भी कैसरगंज से भाजपा के उम्मीदवार के बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका था।

भाजपा सूत्रों के अनुसार, बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटने का निर्णय तो बहुत पहले ही ले लिया गया था, उनके बेटे या पत्नी को चुनाव लड़ाने का ऑफर भी दे दिया गया था। लेकिन बृजभूषण सिंह स्वयं चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। उन्होंने पार्टी से बार-बार यही बात कही थी कि अब तक वे अदालत से दोषी नहीं साबित हुए हैं। केवल आरोपों के कारण उनका टिकट नहीं काटा जाना चाहिए। लेकिन जिस तरह चुनाव के बिल्कुल अंतिम दिनों में भाजपा रेवन्ना मामले में बैकफुट पर आई, पार्टी बृजभूषण शरण सिंह को टिकट देकर इस विवाद को और हवा नहीं देना चाहती थी। लिहाजा बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटने का निर्णय कर लिया गया।

 



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