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कांग्रेस के न्यायपत्र को मुख्यमंत्री यादव ने बताया कर्मकांड

राजनीति            Apr 10, 2024


मल्हार मीडिया भोपाल।

कांग्रेस ने शुक्रवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया है। इसे न्याय पत्र का नाम दिया है। इस पर डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस भले ही अपने घोषणा पत्र को न्याय पत्र कह रही हो, वह अन्याय के पहाड़ पर बैठी हुई है। कांग्रेस ने पूरे देश के किसान, गरीब, मजदूर, युवा सबके साथ अन्याय करते हुए अपना समय गुजारा है। कांग्रेस के मुंह से न्याय शब्द शोभा नहीं देता। उन्होंने महिलाओं के साथ अन्याय किया। मध्य प्रदेश की 29 सीटों में से कांग्रेस ने केवल एक सीट पर महिला उम्मीदवार को खड़ा किया है। इसके उलट भाजपा ने छह सीटों पर महिला प्रत्याशी उतारी हैं।  


डॉ. यादव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की हिस्सेदारी 'परिवार' से बाहर नहीं आने दे रही। कांग्रेस के सभी बड़े नेता और विपक्ष के नेता, इंडिया गठबंधन के सब लोग अपने परिवार से बाहर किसी की हिस्सेदारी बर्दाश्त नहीं करते। उन्होंने गरीब, मजदूर, युवा के साथ कौन-कौन से घोटाले नहीं किए? कांग्रेस ने कभी गरीब, किसान, मजदूर के हक का पैसा कभी उनके खाते में नहीं जाने दिया। खुद कांग्रेस के प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहते थे कि हम एक रुपया भेजते हैं तो 15 पैसा पहुंचता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में योजनाओं का पूरा का पैसा हितग्राहियों को पहुंच रहा है। पूरा प्रदेश मोदीमय है। मोदी जी के नेतृत्व में पूरे देश में एक अलग माहौल है। भाजपा को 400 पर ले जाने की हवा चल रही है।    

डॉ. यादव ने राहुल गांधी के संविधान बचाओ के नारे पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जिसने संविधान का मखौल उड़ाया, जिनके पुरखों ने संविधान में संशोधन कर मूल स्वरूप को विकृत किया, धारा 370 के माध्यम से पूरे देश में कश्मीर में अलग छवि बनाई, जिसके कारण 40 हजार से ज्यादा लोगों के प्राण गए, उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है। मोदी जी ने धारा 370 हटाकर संविधान का मान बढ़ाया है। भारत की एकता और अखंडता को मजबूत किया है। कांग्रेस कुछ भी कहे, उन्हें सुनने वाला कोई नहीं है।

महाकाल लोक में एफआरपी की प्रतिमा को लेकर भी डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि श्री महाकाल लोक निर्माण के टेंडर में कांग्रेस ने गलती की। उन्हें मंदिर व्यवस्था की समझ नहीं है। कांग्रेस के शासनकाल में महाकाल मंदिर का टेंडर हुआ था। जो एफआरपी की प्रतिमा बनाई गई थी वो काल के प्रवाह में दोबारा बनानी पड़ी। मुझे इस बात का संतोष है कि प्रदेश के संस्कृति मंत्रालय ने प्रस्ताव किया है कि मंदिर के अंदर पत्थर की ठोस प्रतिमा लगानी चाहिए।

पहले जो हुआ, वह एक प्रकार की कल्पनाशीलता थी। इस कारण से तत्कालीन समय में एफआरपी की प्रतिमा रखी गई थी। बाद में कार्यशाला लगाकर उपक्रम चालू किया गया। इसमें ठोस पत्थर की प्रतिमा बनेगी। ये एक दिन में नहीं बन सकती। इसके लिए लंबा समय लगेगा। अभी जो एफआरपी की प्रतिमाएं लगी हैं, उसे शहर के चौक-चौराहों पर लगाकर शहर के सौंदर्यीकरण में लिया जाएगा।

महाकाल मंदिर में ठोस पत्थर की प्रतिमा लगाई जाएगी। पूरे देश दुनिया में जहां भी हिंदू मंदिर बनते हैं, वहां पत्थर की प्रतिमा बनती है। कांग्रेस को ये बात मालूम नहीं थी। कांग्रेस ने टेंडर में ही गलती की। अब हमारी सरकार सोच-समझकर निर्णय लेगी।

 



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