मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन चुनावों के पहले ही टूट गया। इंडिया' गठबंधन को लेकर सपा और कांग्रेस में दरार पड़ने लगी है। एमपी विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर आज गुस्वार 19 अक्टूबर को अखिलेश यादव ने चुप्पी तोड़ी और कहा, "हमारी पार्टी के खिलाफ बोलने वाले लोग भाजपा से मिले हुए हैं।
उन्होंने कहा, कांग्रेस के लोग मुझे धोखा देंगे, पता होता तो मैं गठबंधन नहीं करता। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से कहना चाहता हूं कि वो ऐसे चिरकुट लोगों से हमारी पार्टी के बारे में न बोलवाएं।"
अखिलेश यादव ने कहा, "यह इंडिया गठबंधन केवल दिल्ली के स्तर पर है, तो ठीक है। जब दिल्ली की बात होगी, तब की जाएगी। प्रदेश स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है, तो ये हमने स्वीकार कर लिया। इसलिए अपनी पार्टी के टिकट घोषित किए। यूपी में हम 80 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। "
अखिलेश यादव के बयान यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ''BJP का एजेंट कौन है? यह सब को पता है। बागेश्वर में किसने अपना उम्मीदवार उतारा यह सभी जानते हैं। मैं आज भी अपने बयान पर कायम हूं। कांग्रेस सभी सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है। वह मुझे गाली दें, अभद्र भाषा का प्रयोग करें लेकिन मेरा उनसे यही कहना है कि अगर बीजेपी को हराना है, तो उन्हें कांग्रेस का साथ देना चाहिए।''
कांग्रेस का कहना है सपा की एमपी में कोई जमीन नहीं है। मीडिया के सवाल पर अखिलेश ने कहा, ''कौन कांग्रेस, कौन दल क्या कह रहा है। I.N.D.I.A गठबंधन...हम ही कन्फ्यूज हो गए होंगे इसका मतलब।
अगर हम उन मीटिंग में बैठे हैं तो हम ही कन्फ्यूज हुए होंगे। कितनी मीटिंग हुई, क्या-क्या चर्चाएं हुईं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे। उनसे चर्चा हुई। अब नहीं पता कांग्रेस का कौन नेता ऐसा कह रहा है। मैंने तो बताया कि हम एमपी में कहां-कहां से जीते, कैसे जीते थे।"
अखिलेश यादव ने कहा, ''मुझे नहीं पता कि कांग्रेस पार्टी का कौन नेता ऐसी बात कर रहा है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री ने हमसे पूरी परफॉर्मेंस के बारे में पूछा। रात एक बजे तक सपा के नेताओं को उन्होंने जगाया। हमने उन्हें बताया कि कहां से हम एक और दो बार जीते, कहां हमारे कितने नंबर रहे। उन्होंने आश्वासन दिया कि हम सपा को 6 सीटों पर टिकट देंगे। लेकिन जब सीट शेयरिंग हुई, तब सपा का खाता शून्य रहा।''
अगर यह मुझे पहले दिन से पता होता कि विधानसभा स्तर पर I.N.D.I.A का कोई गठबंधन नहीं है, तो हमारी पार्टी के लोग उसमें मिलने नहीं जाते। कांग्रेस का फोन न उठाते। न ही कोई सूची देते। लेकिन अगर उन्होंने यह बात कही है कि गठबंधन नहीं है, तो हम भी स्वीकार करते हैं। अगर केंद्र के लिए गठबंधन होगा, तो देखा जाएगा। जैसा व्यवहार सपा के साथ होगा, वैसा ही उनके साथ किया जाएगा।"
अखिलेश ने कहा, ''कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की कोई हैसियत नहीं है। न वो पटना की मीटिंग में थे। न मुंबई की मीटिंग में थे। I.N.D.I.A गठबंधन के बारे में वो क्या जानते हैं। उनकी क्या हैसियत है? उनसे पूछिए जाकर कि रात के एक बजे तक कमलनाथ और दिग्जविजय जी ने हमें क्यों बैठाए रखा। क्या वो उनकी पार्टी के मुख्यमंत्री नहीं हैं ? अगर वो मुख्यमंत्री नहीं थे, तो ऐसी बात नहीं करनी चाहिए थी। इसका मतलब यह हुआ कि आप दूसरे दलों को बैठाकर बेवकूफ बना रहे हैं।''
अखिलेश ने कहा, ''ये लोग BJP से मिले हुए लोग हैं। अगर मुझे पता होता कि ऐसा होगा, तो मैं सपा नेताओं को दिग्जविजय और कमलनाथ के पास नहीं भेजता। अगर यह पता होता कि सपा को प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं किया जा रहा है और कांग्रेस के लोग मुझे धोखा देंगे, तो मैं गठबंधन नहीं करता। उन्होंने कहा कि हमें टिकट देंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मैं कांग्रेस से कहना चाहता हूं कि अपने चिरकुट नेताओं से हमारी पार्टी के बारे में न बोलवाएं।''
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन नहीं होने से यूपी की सियासत गरमा गई है। अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव और यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय के बीच जुबानी तीर चल रहे हैं। अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर चेतावनी दे डाली है। इसके अलावा दोनों दलों के बीच यूपी में सीटों को लेकर भी तालमेल बनता नजर नहीं आ रहा।
Comments