मल्हार मीडिया ब्यूरो।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी की टिप्पणी ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। टीएमसी सांसद ने कहा, 'राजनीतिक दल को राजनीतिक दल की तरह चलना चाहिए न कि किसी ठेकेदार द्वारा।'
उन्होंने कहा, 'मैं इस क्षेत्र से एक सांसद रहा हूं, लेकिन नगर निगम में प्रशासकों के बोर्ड की नियुक्ति पर मुझसे कभी सलाह नहीं ली गई। लेकिन आई-पीएसी ने कई लोगों को प्रशासकों के बोर्ड में नियुक्त किया है। अब मुझे लोगों को समझाने में कठिनाई हो रही है।"
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के लिए रणनीति बनाने का जिम्मा लिया था। बंगाल चुनाव के दौरान "दुआरे सरकार" योजना और "बांग्ला निजेर मेयेकेई चाय" (बंगाल अपनी बेटी चाहता है) जैसे नारे प्रशांत किशोर ने दिए थे। टीएमसी ने इन नारों का बखूबी इस्तेमाल किया।
तृणमूल कांग्रेस की गोवा इकाई के अध्यक्ष किरण कंडोलकर ने दावा किया है कि उनकी राजनीतिक सलाहकार कंपनी 'आई-पैक' ने गत सप्ताह विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने के बाद, खुद को अलग कर लिया है।
कंडोलकर ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से यह भी कहा कि वह पार्टी की गोवा इकाई का अध्यक्ष पद नहीं छोड़ रहे हैं बल्कि आईपैक के प्रमुख प्रशांत किशोर तथा उनकी टीम से निराश हैं।
पिछले कुछ दिनों से तृणमूल कांग्रेस और 'इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी' (आई-पैक) के बीच अनबन की अटकलें लगाई जा रही हैं। कंडोलकर ने दावा किया कि गोवा में तृणमूल के ज्यादातर उम्मीदवारों का मानना है कि आईपैक ने मतदान के बाद उनसे किनारा कर लिया है।
उन्होंने कहा, “तृणमूल द्वारा उतारे गए सभी उम्मीदवारों के आईपैक के साथ कुछ न कुछ मतभेद हैं। जब प्रत्याशियों ने मुझे प्रशांत किशोर और उनकी आई-पैक टीम के साथ मतभेदों के बारे में बताया तो मैंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की जिन्होंने मुझे तृणमूल गोवा का अध्यक्ष पद छोड़ने की सलाह दी।”
कंडोलकर ने कहा, “मैं तृणमूल गोवा अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ रहा लेकिन मैं प्रशांत किशोर और आई-पैक टीम से निराश हूं।” उन्होंने कहा कि चुनाव के संबंध में, मंगलवार को प्रत्याशियों के निर्वाचन क्षेत्रों में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।
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