पंकज पाराशर छतरपुर।
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा पिता-पुत्र के बीच ही राजनीतिक खींचतान मची हुई है।
आलम यह है कि भाजपा विधायक राजेश प्रजापति को अपने पिता पूर्व विधायक आरडी प्रजापति से ही चुनौती मिल रही है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2018 में चुनाव में टिकट नहीं मिलने से पूर्व विधायक आरडी प्रजापति नाराज हो गए थे और भाजपा से बगावत कर सपा का दामन थाम लिया था।
उनके बेटे राजेश प्रजापति भाजपा से विधायक हैं, पिता की बगावत बेटे के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 8 माह बाद होने हैं, भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं।
वहीं, स्थानीय नेता भी अपनी दावेदारी पेश करने के लिए एक्टिव हो गए हैं।
मध्य प्रदेश की छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा में पिता-पुत्र की सियासत इन दिनों सुर्खियों में है।
दरअसल, वर्तमान में चंदला विधानसभा से विधायक राजेश प्रजापति हैं।
राजेश प्रजापति ने वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निकटतम प्रतिद्वंदी को हराकर चुनाव जीता था।
इससे पहले 2013 में यहां से आरडी प्रजापति विधायक थे। आरडी प्रजापति, राजेश प्रजापति के पिता हैं।
2018 में बागी हुए पूर्व विधायक आरडी प्रजापति
2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने आरडी प्रजापति की जगह उनके बेटे को टिकट दिया।
जिससे आरडी प्रजापति नाराज हो गए और पार्टी से बागवत करते हुए सपा का दामन थान लिया, लेकिन ज्यादा दिनों तक पार्टी में रह नहीं सके।
आरडी प्रजापति अपने क्षेत्र में जमीनी नेता माने जाते हैं।
अब उन्होंने ओबीसी महासभा ज्वाइन की है और अब ओबीसी महासभा के एक बड़े चेहरे हैं और अब वे ओबीसी महासभा के लिए प्रचार भी कर रहे हैं।
आरडी प्रजापति लगातार रैलियां कर रहे हैं, खुले मंच से भाजपा एवं कई नेताओं के खिलाफ खुल कर बोल भी रहे हैं। ऐसे में वह अपने बेटे राजेश प्रजापति के की मुश्किलें भी बढ़ा रहे हैं।
कभी भाजपा के लिए काम करने वाले पूर्व विधायक आरडी प्रजापति आज भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
आरडी प्रजापति भाजपा की कई नीतियों एवं योजनाओं का खुलेआम विरोध करते हुए दिखाई देते हैं।
वर्तमान में चंदला विधानसभा भाजपा के कब्जे में है लेकिन अभी से ही विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति शुरू हो गई है।
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