भाजपा ने प्रतिबद्धता का सम्मान किया होता, तो ढाई-ढाई वर्ष शिवसेना भाजपा के मुख्यमंत्री होते

राजनीति            Feb 19, 2023


 मल्हार मीडिया ब्यूरो।

शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के फैसले के मद्देनजर सभी दलों को सतर्क रहने और आंखें खुली रखने की जरूरत है।

आयोग के फैसले को अन्याय बताते हुए उन्होंने कहा कि जो शिवसेना के साथ हुआ है और जैसा व्यवहार हुआ है, वह उनके साथ भी हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिवसेना कभी भी मुस्लिमों और उत्तर भारतीयों के विरुद्ध नहीं थी।

उत्तर भारतीय समुदाय के साथ बातचीत में उद्धव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आप मेरे पिता का चेहरा तो चाहते हैं, लेकिन उनका बेटा नहीं। मैं साथ आने के लिए तैयार था। जब मैं अपने पिता को दिया वादा पूरा करना चाहता हूं और अगर आप मुझे धोखा देते हैं, तो मुझे क्या करना चाहिए।

 मैं कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, लेकिन कांग्रेस-राकांपा ने यह पद संभालने के लिए कहा, अन्यथा सरकार नहीं बन पाती।

अगर भाजपा ने अपने प्रतिबद्धता का सम्मान किया होता, तो ढाई-ढाई वर्ष शिवसेना और भाजपा के मुख्यमंत्री होते।

'उद्धव ने कहा कि उनकी पार्टी के कुछ लोग अलग हो गए। जो छोड़कर जाना चाहते हैं, जा सकते हैं, लेकिन उन्हें दूसरी पार्टी के साथ विलय करना चाहिए, लेकिन वे मुझे मेरे घर से बाहर करना चाहते हैं और उस पर कब्जा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने इन लोगों को तैयार किया और शिवसैनिकों ने उनका समर्थन किया, लेकिन अब वे मालिक बनना चाहते हैं और हमारे संस्थान ऐसे हैं कि उन्होंने घर के मालिक को ही चोर बना दिया। उन्होंने कहा कि देश में हो क्या रहा है, लेकिन जो हुआ, अच्छा हुआ क्योंकि लोग गुस्सा हैं और उन्हें लगता है कि जो हुआ गलत हुआ।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उद्धव ने कहा कि चुनाव आयोग के आदेश से मोगेंबो खुश हुआ। उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा छोड़ी है, हिंदुत्व नहीं। मैं लोगों को बांटने वाले भाजपा के हिंदुत्व को स्वीकार नहीं करता। भाजपा चुनावों के दौरान हिजाब व गो-हत्या जैसे मुद्दे लाकर हिंदुओं को गुमराह कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज करते हुए उद्धव ने कहा कि भारत को मजबूत बनाने के लिए हमने जिस नेता को वोट दिया, वह खुद तो मजबूत हो गया, लेकिन देश कमजोर हो गया।

 



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